पटनाः राजधानी पटना के गर्दनीबाग में आशा संयुक्त मोर्चा द्वारा दो दिवसीय धरने का आयोजन किया गया है जिसमें पूरे बिहार से आशा कार्यकर्ता पहुंच कर जोरदार प्रदर्शन कर रही हैं. आशा कार्यकर्ताओं ने नीतीश सरकार पर गंभीर आरोप लगाए हैं. उनका कहना है कि हमें मानदेय चाहिए, प्रोत्साहन नहीं. डेली सिटी न्यूज संवाददाता से बातचीत में प्रदर्शनकारियों ने कहा कि सरकार में घूसखोरी हो रही है, जो प्रोत्साहन राशि भी मिलती है वह भी कभी-कभी मिलती मिलती भी है तो लगातार नहीं.


आशा कार्यकर्ताओं ने कहा कि हमें मानदेय चाहिए. घर परिवार चलाने के लिए हमें पैसे की जरूरत है. हम अपने घर-परिवार, पति-बच्चों को छोड़कर काम पर जाते है. कभी-कभी खाना बनाते हुए छोड़ कर काम पर जाना पड़ता है डिलीवरी कराने के लिए और अगर डिलीवरी नहीं हो पाई बच्चे की तो निराश होकर लौटना पड़ता है. क्योंकि हमें उस काम के पैसे नहीं मिलते. आशा कार्यकर्ताओं ने अपना दुखड़ा सुनाते हुए कहा कि पोलियो पिलाने के लिए 20 रूपये मिलते हैं.
भिखारी की तरह पेश किया जा रहा
आशा कार्यकर्ताओं ने कहा कि इतनी कम मजदूरी में भला क्या हो सकता है. भिखारी से भी बदतर तरीके से पेश आया जाता है. परिवार की जरूरतों को पूरी करने के लिए पैसे चाहिए. हमें भी बच्चे को पढ़ाना है उसके लिए पैसे की जरूरत पड़ती है लेकिन सरकार सुनने को तैयार नहीं है. हम घर परिवार बच्चों को छोड़कर काम पर जाते हैं लेकिन सरकार को उससे कोई मतलब नहीं है.
कोरोना काल में भी किया काम
सरकार को हमारा दर्द नहीं दिखता हमने कोरोना काल में भी काम किया इतने डर होने के बावजूद जब सब लोग घर में बंद थे फिर भी हम अस्पतालों में डटे हुए थे. लेकिन सरकार को हमारी मेहनत नहीं दिखती. वहीं, सीएम नीतीश पर तंज कसते हुए कहा कि जब वो अपने घर के लक्ष्मी यानि धर्म पत्नी की इज्जत नहीं कर सके तो वह पराई लक्ष्मी की क्या इज्जत करेंगे. महिलाओं-लड़कियों के लिए काम करने की बात उनका बस दिखावा है. सब वोट लेने के लिए यह सब छलावा करते हैं मुख्यमंत्री.
21 हजार मानदेय की रखी मांग
प्रदर्शवन कर रही आशा कार्यकर्ताओं ने कहा कि वर्तमान में 1 हजार रुपया प्रोत्साहन के रूप में मिलता है जो कभी-कभी समय पर मिलता भी नहीं है. इस राशि की महें जरूरत नहीं है इसके बदले में हमें 21 हजार न्यूनतम मानदेय चाहिए. अगर सरकार हमारी बात नहीं सुनती है तो 25 और 26 को फिर से आंदोलन करेंगे और यहां से दिल्ली की ओर कूच करेंगे.
पटना से विशाल भारद्वाज की रिपोर्ट