पटनाः बिहार में कोरोना का संकट एक बार फिर बढ़ने लगा है. सूबे में अचानक कोरोना संक्रमण के आंकड़े में बढ़ोतरी हुई है. 4 से 10 मार्च के बीच एक्टिव केस मात्र 241 थे जो 19 से 26 मार्च के बीच अब 1144 हो चुके हैं. लोगों की लापरवाही का नतीजा है कि कोरोना दोबारा अपना पांव पसारने लगा है.


सरकार ने लोगों से कोविड गाइडलाइन्स का पालन करने की भी अपील की है. 30 अप्रैल तक सूबे में केंद्र सरकार की गाइडलाइन्स का पालन कराया जायेगा. वहीं, करीब पांच महीने के बाद देश में पहली बार एक दिन में 59 हजार से अधिक मामले मिले हैं. कई राज्यों के साथ बिहार भी इसे लेकर गंभीर है. होली के आयोजन को लेकर लोग अपने घर वापस लौट रहे हैं और बिहार सरकार किसी भी तरह की लापरवाही से बचने के लिए कोविड गाइडलाइन्स का मजबूती से पालन कराएगी.
केंद्र ने जारी किया गाइडलाइन
कोरोना को लेकर गृह विभाग की तरफ से 30 अप्रैल तक के लिए गाइडलाइन जारी किया गया है. संक्रमण के रोकथाम के लिए टेस्ट से लेकर कंटेनमेंट जोन तक के लिए तैयारी शुरू कर दी है. मास्क चेकिंग अभियान भी तेज किया जायेगा. स्थिति के आधार पर स्थानिय लेवल पर कंटेनमेंट जोन बनाने का फैसला लिया जायेगा.
पटना बना कोरोना का हब
वहीं, बिहार स्वास्थ्य विभाग के प्रधान सचिव ने बताया है कि सबसे अधिक संक्रमित प्रमंडल अभी पटना ही है. पटना में अभी 500 से अधिक एक्टिव मामले हैं. भागलपुर में 95, गया में 80, सारण में 41, मुंगेर में 78 तो पूर्णिया में 102 मामले अभी भी एक्टिव हैं. कई अन्य जिलों में भी संक्रमण दर बढ़ा है. जिसके कारण जांच भी तेज कर दिये गए हैं.