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बिहार में त्रिस्तरीय पंचायत के निर्वाचित सदस्य भी अब अपने साथ हथियार रख सकेंगे। मुखिया से लेकर वार्ड सदस्य तक हथियार का लाइसेंस ले सकते हैं। सरकार ने त्रिस्तरीय पंचायत के निर्वाचित प्रतिनिधियों के लिए शस्त्र लाइसेंस देने का आदेश जारी कर दिया है।

पंचायती राज विभाग के निदेशक रंजीत कुमार सिंह ने सभी जिलों के DM को चिट्ठी जारी कर दी है। निर्देश दिया गया है कि सभी जनप्रतिनिधियों को कैंप लगाकर लाइसेंस दें।

दरअसल, त्रिस्तरीय पंचायत के निर्वाचित प्रतिनिधियों की हत्याओं के मामले को बिहार सरकार ने गंभीरता से लिया है। पंचायती राज मंत्री सम्राट चौधरी ने बताया कि सभी जिला पदाधिकारियों को शिविर लगाकर लाइसेंस निर्गत करने का आदेश दिया गया है। पंचायती राज विभाग ने गृह विभाग की अनुमति के बाद यह आदेश दिया है।

बिहार में 2.59 लाख हैं जनप्रतिनिधियों के पद

बिहार में त्रिस्तरीय पंचायत में कुल 2 लाख 59 हजार 260 पद हैं। यानी इतने जनप्रतिनिधि हैं। इसमें मुखिया 8387 हैं। सरपंच भी 8387 हैं। वार्ड पार्षदों की संख्या 1 लाख 14 हजार 667 है। वहीं, पंचायत समिति सदस्य 11 हजार 491 हैं। जिला परिषद सदस्य 1161 हैं और पंच 1 लाख 14 हजार 667 हैं। बिहार सरकार को इतने लोगों को लाइसेंस निर्गत करना होगा।

पंचायत प्रतिनिधि लगा रहे थे सुरक्षा की गुहार

बता दें, बिहार में पंचायत चुनाव के बाद से कई बार मुखिया सहित अन्य पंचायत प्रतिनिधियों पर हमले की खबर आ रही हैं। वह सरकार से सुरक्षा की गुहार लगाते रहे हैं। ऐसे में सरकार को इस फैसले से उम्मीद है कि ऐसा करने से उन पर होने वाले हमलों में कमी आएगी।

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