बिहार सरकार ने समस्तीपुर और बक्सर में पेट्रोलियम की खोज हेतु सहमति दे दी है। ऑयल एंड नेचुरल गैस कारपोरेशन (ओएनजीसी) ने राज्य सरकार से बिहार में तेल खोज के लिए अनुमति मांगी थी और इस संबंध में पेट्रोलियम एक्सप्लोरेशन लाइसेंस (पीईएल) के लिए आवेदन किया था। राज्य सरकार की सहमति के बाद अन्य सभी प्रक्रियाएं शीघ्र पूरी कर ली जाएंगी। इसके बाद इन दोनों जिलों के गंगा बेसिन प्रक्षेत्र में तेल की खोज शुरु होगी। केन्द्र सरकार के पास गंगा बेसिन में तेल भंडार होने की पुख्ता जानकारी के बाद ओएनजीसी को आगे बढ़ने का निर्देश दिया गया था।
बिहार : गंगा बेसिन में तेल की खोज के लिए ओएनजीसी को जिम्मेवारी
खान एवं भूतत्व विभाग के प्रधान सचिव हरजोत कौर बम्हारा ने बताया कि गंगा बेसिन में तेल की खोज के लिए ओएनजीसी को जिम्मेवारी मिली है। ओपेन फील्ड लाइसेंस पालिसी (ओएएलपी) के प्रावधान के तहत ओएनजीसी यह काम करेगी। इसके तहत समस्तीपुर में 308.32 वर्ग किलोमीटर में तो बक्सर में 52.32 वर्ग किलोमीटर में तेल खोज की कसरत शुरू होगी। इन क्षेत्र में तेल के पर्याप्त भंडार होने का अनुमान है। ओएनजीसी ने दोनों ब्लॉकों के लिए आवेदन किया है। पीईएल की अवधि चार वर्ष है।ओएनजीसी ने अपने स्तर से इसकी पूरी तैयारी की है।
इसके लिए अत्याधुनिक तकनीक का प्रयोग किया जाएगा। सबसे पहले तो टू-डी सिस्मिक सर्वे का काम होगा। इसके लिए अप टू डेट सिस्मिक डाटा के साथ अत्याधुनिक ज्योकेमिकल सर्वे का कार्य भी किया जाएगा। इस प्रारंभिक प्रक्रिया के बाद जमीन के अंदर तेल भंडार को लेकर काम होगा। इसके बाद ग्रेवेटी मैग्नेटिक और मैग्नेटो टेलुरिक (एमटी) सर्वे का काम किया जाएगा। एमटी एक तरह का जियोफिजिकल तरीका है जिसके माध्यम से पृथ्वी के अंदर की गतिविधियों की रिपोर्ट तैयार की जाती है।