नालंदाः बिहार की धरती न सिर्फ विद्वानों को जन्म देती है बल्कि बहादुर बेटो को भी सिंचती है. जिले में वीरता के लिए हर किसी की जुबान पर एक ही शख्स का नाम चढ़ा हुआ है, अमित राज. जी हां, अमित ने जान पर खेलकर तीन बच्चों की जान बचायी लेकिन खुद को नहीं बचा पाये.


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वहीं, अमित राज को मरणोपरांत वीरता पुरस्कार देने के लिए सैनिक स्कूल, पुरुलिया के प्राचार्य ग्रुप कैप्टन जी प्रभार ने केंद्र सरकार से अनुशंसा की है. दरअसल, तीन दिसंबर को अमित ने अपने गांव पेशौर में पड़ोसी मनोज कुमार के घर में लगी आग में फंसे तीन बच्चों को बचाया था.
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इस दुर्घटना में अमित वह बुरी तरह से झुलस गये. इसकी जानकारी होने पर पुरुलिया सैनिक स्कूल प्रशासन ने अमित को एयर एंबुलेंस से दिल्ली भेजा था. 13 दिसंबर को सफदरजंग अस्पताल, दिल्ली में इलाजरत अमित जिंदगी की जंग हार गये. गांव में लोग अमित की बहादुरी की चर्चा कर सलाम कर रहे हैं. सोशल मीडिया पर अमित को वीरता पुरस्कार देने की मांग उठ रही है.
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