मुजफ्फरपुर: महानायक अमिताभ बच्चन का रियलटी शो कौन बनेगा करोड़पति इन दिनों मुश्किल दौर से गुजर रहा है. टीआरपी की रेस में पिछड़ रहा ‘कौन बनेगा करोड़पति’ शो कानूनी पचड़े में फंसता दिख रहा है. धार्मिक भावनाओं को आहत पहुंचाने के आरोप में अमिताभ बच्चन समेत सात लोगों पर कौन बनेगा करोड़पति के सवाल को लेकर मुजफ्फरपुर के कोर्ट में परिवाद दायर किया गया है.


सिकंदरपुर निवासी आचार्य चंद्रकिशोर पाराशर ने धारमिक भावना को ठेस पहुंचाने के लिए गुरुवार को सीजेएम कोर्ट में परिवाद दर्ज कराया. अमिताभ बच्चन, एक टीवी क्विज शो के निर्देशक अरुणेश कुमार, राहुल वर्मा, टीवी चैनल के अध्यक्ष मनजीत सिंह, सीईओ एनपी सिंह व प्रतिभागी बेजवाड़ा विल्सन समेत सात को नामजद किया है.
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धर्मशास्त्र से पूछा गया था सवाल
जानकारी के मुताबिक परिवाद पर अगली सुनवाई के लिए 3 दिसंबर को होगी. बताया जा रहा है कि शो के दौरान प्रतिभागी से धर्मशास्त्र से संबंधित एक सवाल पूछा गया. सवाल व विकल्प में दिए गए उत्तर आपत्तिजनक थे जिससे धार्मिक भावना को ठेस पहुंची है.
हिंदू भावना ठेस पहुंचाने का आरोप
चंद्रकिशोर पाराशर का आरोप है कि 30 अक्टूबर प्रसारित ‘कौन बनेगा करोड़पति’ के सीजन-12 के एपिसोड में होस्ट अमिताभ बच्चन के सवाल का जबाब देने के लिए बैजवारा विल्सन बैठे थे. अमिताभ बच्चन ने कंटेस्टेंट से 64 लाख रुपए का सवाल पूछा था. उस सवाल से हिंदू भावना को ठेस पहुंची है.
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बता दें कि अमिताभ बच्चन ने सवाल पूछा था कि 25 दिसंबर 1927 को डॉ. भीमराव अम्बेडकर के अनुयायियों ने किस धर्मग्रंथ की पर्चियां जलाईं थीं? जिसके ऑप्शन दिए गए थे जिसमें A. विष्णुपुराण, B. भागवत गीता, C. ऋगवेद और D. मनुस्मृति.
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वादी चंद्रकिशोर परासर ने परिवाद में कहा है कि हिंदू भावना को ठेस पहुंचाने के लिए शो में इस तरह का प्रश्न सेट किया गया. इससे हिंदू भावना को आघात पहुंचता है. उन्होंने बताया कि इस पर न्यायालय 3 दिसंबर को सुनवाई करेगी. परिवाद को मुकदमा के रूप में लेने को लेकर फैसला 3 दिसंबर को होगा.
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