पटनाः बिहार में राज्यपाल कोटे से 12 एमएलसी का मनोनयन हो गया है. एमएलसी के मनोयन होते ही एनडीए में बवाल मेचा है. खासकर, जेडीयू में नेताओं ने नीतीश कुमार के खिलाफ मोर्चा खोलना शुरू कर दिया है. जेडीयू प्रदेश प्रवक्ता राजीव रंजन ने नीतीश कुमार पर सवाल खड़े किए हैं. वहीं, अब पूर्व डीजीपी गुप्तेश्वर पांडेय का दर्द बाहर आया है.


विधानसभा चुनाव लड़ने की आस में लगे पूर्व डीजीपी को इस बार भी निराशा हाथ लगी है. उन्हें राज्यपाल कोटे से मनोनित 12 एमएलसी में भी जगह नहीं मिली. जिसके बाद पूर्व डीजीपी गुप्तेश्वर पांडेय का दर्द छलक पड़ा है. मीडिया से बात करते हुए उन्होंने कहा कि अभी वह सभी मसलों को देख रहे हैं और जल्द ही कोई बड़ा निर्णय लेंगे.
विधानसभा में भी नहीं मिला था टिकट
बता दें कि पूर्व डीजीपी गुप्तेश्वर पांडेय ने अपने कार्यकाल के 6 महीने पहले ही वीआरएस ले लिया था. सुशांत केस मामले में लगातार चर्चा में बने रहे गुप्तेश्वर पांडेय वीआरएस लेकर जदयू में शामिल हो गए थे. उन्हें उम्मीद थी कि विधानसभा चुनाव में टिकट देगी. लेकिन पार्टी ने इससे वंचित रखा जबकिएक पूर्व डीजी सुनील कुमार को चुनाव में उतारा गया. लेकिन जिसके बाद उम्मीद जताई जा रही थी कि पार्टी उन्हें एमएलसी बना सकती है. लेकिन इस बार भी पार्टी से निराशा हाथ लगी.
अटकलों का बाजार गर्म
दो बार जेडीयू से निराशा हाथ लगने के बाद अब पूर्व डीजीपी का दर्द छलका है. गुप्तेश्वर पांडेय ने यह साफ कर दिया कि वह जल्द ही कोई बड़ा फैसला लेंगे. उनके इस बयान से सियासी गलियारों में तमाम तरह की अटकलें तेज हो गई है.