0Shares

साभार सोशल मीडिया: Open लेटर टू जॉनी डेप
Dear Johnny depp ,आप God/ भगवान जिसको भी मानते हो, उसका धन्यवाद करना चाहिए कि आप भारत देश में पैदा नहीं हुए। सोचो यदि आप भारत में पैदा होते तो किसी भी तरह का मानहानि करने लायक न बचते।

विवाह में जैसे ही समस्या शुरू हुई होती आप पर 498ए की FIR होती और आप परिवार सहित बेल/जमानत लेने के लिए संघर्ष करते। और आपके केस में 498ए के साथ एनल सेक्स यानी 377 लगा होता तो आपकी जमानत मिलने के चांस और कम हो जाते। आप वकील के कहने से सेक्शन 9 या तलाक फाइल करते। फिर HMA 24 में पैसे देना शुरू कर चुके होते। आप समझ ही न पाते कि यह जीवन में चल क्या रहा है।

हो सकता है कि आपके पिता और भाई, बहू यानी एम्बर हर्ड पर बुरी नजर रखने और रेप करने के आरोप लग जाते। क्या है कि वकील लोग बताते कि इससे FIR में और ताकत आती है। उसके बाद आप कहीं के ना रहते ! आपका पूरा परिवार कहीं मुंह छुपाए वकील के दरवाजों पर भटकता और आपके अपने लोग आपसे नज़र चुराने लगते।

आपके अपने प्रिय जन दबी या खुली ज़बान में कहते कुछ तो किया ही होगा, लड़की इतना झूठ क्यों बोलेगी। डियर जॉनी, तुमको बच्चे से अलग किया जाता और उसको रोज बताया जाता कि कैसे उसका पिता एक dead beat father है। वो बाप जो अपने बच्चे से मुंह फेर लेता है, बच्चे को कहानियां सुनाई जाती कि कैसे केवल मां महान होती है।

अगर आपकी बेटी होती तो फिर यह आरोप लगता कि foetus की जांच करवा कर, भ्रूण हत्या की कोशिश की गई थी। या फिर आपने शराब पीकर अपनी ही बच्ची को सेक्सुअल अब्यूज किया। पोक्सो केस लगने के बाद आपको जेल जाने से कोई नहीं रोक सकता था। थोड़े हिम्मती होते तो केस लड़ते वरना आत्महत्या करके हर साल बढ़ती विवाहित पुरुषों की आत्महत्या में आपका नाम होता और किसी को कोई असर न पड़ता।

डियर जॉनी !

बहुत भाग्यशाली हो कि उस देश में पैदा हुए जहां केस 6 हफ्ते में खतम हुआ। यहां 6 हफ्ते में जज कौन होगा इसका निर्णय नहीं हो पाता। जब तक आप जमानत का इंतजाम कर रहे होते आपकी पत्नी घरेलू हिंसा और गुजारा भत्ता का केस कर देती। आप समझ ही न पाते कि चल क्या रहा है। इन केस पर निर्णय आता, उससे पहले जज ऑर्डर पास कर देता है कि अंतरिम राहत के तौर कर लड़की को कुछ पैसे देना शुरू कर दो।

सोचो झूठे आरोप तुम झेलते और पैसे भी देते। यह सब लड़ते लड़ते आपको कम से कम आठ साल लग जाते। उसके बाद पैसे देकर जज साहब खुद सेटल करवाते केस क्योंकि कल ही जज साहब ने कहा जहां सेटल होता हो कर लो।

आप और आपके परिवार की जमा पूंजी( कहीं कहीं जमीन) खतम हो जाती। आप लोगों के पास हिम्मत ही न बचती कि मानहानि के केस कर सको। मां बाप कहते बेटा सब भूल जाओ आगे की सोचो। आप इतनी निराशा, कुंठा, हताशा लेकर किसी तरह जीते और देखने वाले कहते यह तो “क्रैक”हो चुका है। आप।इस अपराध बोध में जीते कि आपके कारण पूरे परिवार ने कष्ट पाया।

क्या पता कोई बहन भी होती जिसको ससुराल में सुनाया जाता कि तुम्हारे भाई के कारण उनके बेटे यानी तुम्हारे जीजा को अदालत का मुंह देखना पड़ा। इसलिए डियर जॉनी आप बच गए क्योंकि आप अतुल्य भारत में पैदा नहीं हुए !

Leave a comment

Your email address will not be published. Required fields are marked *