पटनाः जनवादी पार्टी सोशलिस्ट के बिहार प्रदेश कार्यालय में एक बैठक का आयोजन किया गया जिसकी अध्यक्षता पार्टी के बिहार प्रदेश अध्यक्ष जय किशन कुमार चौहान ने की. बैठक का मुख्य उद्देश्य नोनिया, केवट, मल्लाह, निषाद, बिंद, बेलदार,गोढ़ी, चाई, तियर, खुलवट, वनपर के सभी 12 उप जातियों को अनुसूचित जन जाति मे लाने को लेकर प्रदेश कार्यकारिणी की एक बैठक बुलाई गई थी.


बैठक में 15 मार्च को राजधानी पटना स्थित गर्दनीबाग में एक दिवसीय धरना देने का निर्णय लिया गया. पार्टी के बिहार प्रदेश अध्यक्ष जय किशन कुमार चौहान ने बताया कि धरना देने का मुख्य उद्देश्य आरक्षण है. इसकी लड़ाई विगत 3 पीढ़ियों से चली आ रही है लेकिन सरकार सिर्फ बरगलाने का काम करती रही है. चुनाव के वक्त सरकार कहती है कि हम केंद्र को लिखकर दे रहे हैं लेकिन वह बस वोट बैंक के लिए इस्तेमाल करती है और चुनाव के बाद इस पर कोई चर्चा नहीं होती.
दूसरे राज्यों की तरह बिहार में मिले आरक्षण
वहीं, पार्टी के महिला मोर्चा की राष्ट्रीय अध्यक्ष सरिता कुमारी बिंद ने कहा कि बैठक का मुख्य उद्देश्य था आरक्षण को लेकर 15 मार्च को गर्दनीबाग में आयोजित धरने को सफल बनाना है. हमारी मांग है कि भारत के 14 अन्य राज्यों में नोनिया बेंदाल समाज को आरक्षण तो नहीं मिला लेकिन उप जातियों को अनुसूचित जनजाति का दर्जा दिया गया है ऐसे में हम चाहते हैं कि बिहार में भी हमें यह दर्जा दिया जाए.
आरक्षण दिलवा कर रहेंगे
वहीं, पार्टी के राष्ट्रीय सचिव सह बिहार युवा प्रभारी गणेश कुमार ने बताया कि इस समुदाय को अब तक सिर्फ वोट बैंक के रुप में इस्तेमाल किया जाता रहा है. उन्होंने बताया कि अनुसूचित जनजाति (ST) के आरक्षण में शामिल करने वाला फाईल जो केंद्र सरकार द्वारा 1 माह पूर्व में खारिज कर दिया गया है. इसे पुनः आरक्षण (ST) वाला फाईल को बिहार सरकार केंद्र सरकार को भेजे. इसके लिए 15/03/21 को धरना स्थल गर्दनीबाग पटना में एक दिवसीय धरना देंगे. अब समुदाय को वोट बैंक नहीं बनने दिया जायेगा बल्कि आरक्षण दिलवा कर रहेंगे.
पटना से विशाल भारद्वाज की रिपोर्ट