पटनाः बिहार की सियासत में उथल-पुथल का दौर चल रहा है. चुनाव में खराब प्रदर्शन के बाद नीतीश कुमार अपने लव-कुश समीकरण को मजबूत करने के लिए पुराने सहयोगी और पूर्व केंद्रीय मंत्री उपेंद्र कुशवाहा को साथ लेने जा रहे हैं. उपेन्द्र कुशवाहा की पार्टी रालोसपा का अब जदयू में विलय लगभग तय माना जा रहा है.


सियासी गलियारे में इसकी चर्चा तेज पकड़ चुकी है कि इसी माह मार्च में आरएलएसपी का जदयू में विलय हो जायेगा. एक बार फिर अब उपेन्द्र कुशवाहा अपने पुराने पार्टी में घर वापसी कर लेंगे. मीडिया रिपोर्ट के अनुसार, आगामी 14 मार्च को रालोसपा का जदयू में विलय हो जायेगा. हालांकि अभी इसकी कोई आधिकारिक पुष्टि नहीं हुई है.
सियासी चलचल हुई तेज
रालोसपा के जदयू में विलय को लेकर पिछले कुछ समय से इसकी संभावना बनती दिख रही है. वहीं इस तरफ राजनीतिक गलियारों में हलचलें भी तेज हो गई है. जदयू के पूर्व प्रदेश अध्यक्ष वशिष्ठ नारायण सिंह इस मामले पर खुलकर सामने भी आ चुके हैं.


IGMS में वशिष्ठ नारायण से मुलाकात
वहीं, आज एक बार फिर उपेंद्र कुशवाहा और वशिष्ठ नारायण सिंह की मुलाकात आईजीएमएस में हुई जब दोनों नेता कोरोना का वैक्सीन लेने पहुंचे थे. इससे लगभग स्पष्ट हो गया है कि नीतीश कुमार के साथ उपेंद्र कुशवाहा जाने के लिए लगभग तैयार हैं.