मेघालय के राज्यपाल सत्यपाल मलिक किसानों के समर्थन में एक बड़ा बयान दिया है. उनका कहना है कि किसान आंदोलन काे लंबे समय तक चलते रहना न किसानों के हित में है और न ही सरकार के हित में. बेहतर होगा इसका मिल बैठकर तत्काल निराकरण किया जाए. यह ऐसा मामला नहीं है, जिसका हल नहीं मिल रहा है.


सतपाल मलिक ने केंद्र सरकार और बीजेपी नेताओं के रवैये पर नाराजगी जताई हैं. उन्होंने कहा कि “कुतिया भी मर जाती है तो उसके लिए भी हमारे नेताओं का शोक संदेश आता है, लेकिन 250 किसान मर गए, लेकिन अब तक कोई बोला भी नहीं. ये सब मेरी आत्मा को दर्द देता है.”
एमएसपी को कानून का दे सरकार
सत्यपाल मलिक राजस्थान के झुंझुनूं में एक निजी कार्यक्रम में शामिल होने पहुंचे थे. सत्यपाल मलिक ने पत्रकारों से बातचीत करते हुए कहा कि किसान आंदोलन में कोई समस्या नहीं है. बस इसको समझ कर सुलझाने की जरूरत है. न्यूनतम समर्थन मूल्य (एमएसपी) का ही मुद्दा है, यदि इसको कानूनी रूप दे दिया जाए तो यह मामला आसानी से हल हो सकता है.
बड़ा मुद्दा बना किसान आंदोलन
देशभर के किसानों के बीच यह एक बड़ा मुद्दा बन चुका है. ऐसे में इसे जल्द हल करना चाहिए. वे बोले, “मैं संवैधानिक पद पर हूं. बिचौलिया बन कर काम नहीं कर सकता. किसान नेताओं और सरकार के नुमाइंदों को सिर्फ सलाह दे सकता हूं, मेरा सिर्फ इतना सा ही रोल है.” किसान आंदोलन पर बात करते हुए मलिक ने कहा कि किसानों के उचित मूल्य ना मिलने का मुद्दा आज का नहीं है.अंग्रेजों के समय भी ऐसा होता था.