पटनाः बिहार विधानसभा चुनाव में खराब प्रदर्शन के बाद जेडीयू संगठन को मजबूत करने में जुटी है. वहीं, चुनाव में लोजपा की वजह से लगभग दो दर्जन सीट गंवाने के बाद चिराग पासवान की पार्टी में सेंध लगाने में जुट गई है. आज पटना स्थित जेडीयू कार्यालय में लोजपा के 208 लोग एक साथ जेडीयू में शामिल हो गए.


एलजेपी छोड़ कर नीतीश कुमार का दामन थामने वाले सभी नेता और कार्यकार्ताओं को जेडीयू के राष्ट्रीय अध्यक्ष आरसीपी सिंह ने माला और पार्टी का पट्टा पहना कर स्वागत किया. जेडीयू कार्यालय में आयोजित मिलन समारोह में आरसीपी सिंह, प्रदेश अध्यक्ष उमेश कुशवाहा ने लोजपा के बागी नेता केशव सिंह के नेतृत्व में सभी 208 नेताओं को जेडीयू में स्वागत किया. इस मौके पर आरसीपी सिंह ने कहा कि शामिल होने वाले लोग मुख्यमंत्री नीतीश कुमार के कामों से प्रभावित होकर आए हैं. इनका पार्टी में जोरदार स्वागत है.
आरजेडी के साथ सांठगांठ का आरोप
वहीं केशव सिंह ने लोजपा के राष्ट्रीय अध्यक्ष चिराग पासवान पर आरोप लगाते हुए कहा था कि विधानसभा चुनाव में चिराग ने पार्टी और एनडीए को बड़ी क्षति पहुंचाई. आरजेडी और महागठबंधन से उनकी सांठगांठ रही. उन्होंने कहा कि चुनाव के दौरान चिराग सीएम नीतीश को जेल भेजने की बात कह रहे थे लेकिन अब कोई उन्हें जेल जाने से नहीं बचा सकता.
चिराग के खिलाफ होगा मुकदमा!
उन्होंने कहा कि हाल में लोजपा के बागियों की हुई बैठक में चिराग पासवान पर चुनाव के दौरान झूठ का सहारा लेकर 94 विधानसभा क्षेत्रों में कार्यकर्ताओं को ठगने का आरोप लगाते हुए तय किया गया कि उनके खिलाफ मुकदमा भी किया जाएगा. उन्होंने आरोप लगाया कि फरवरी 2019 में 25 हजार सदस्य बनाने वालों को ही विधानसभा चुनाव का टिकट देने की घोषणा की गई थी, इसके नाम पर बड़ी राशि वसूली गई, फिर बाद में उनकी जगह पर बाहरी लोगों से पैसे लेकर टिकटों का सौदा किया गया.
चौरसिया ने भी छोड़ा चिराग का साथ
बिहार विधानसभा चुनाव के ठीक पहले बीजेपी छोड़कर लोक जनशक्ति पार्टी (LJP) में शामिल हुए रामेश्वर प्रसाद चौरसिया ने बुधवार को पार्टी की प्राथमिक सदस्यता से इस्तीफा दे दिया. उन्होंने पार्टी के राष्ट्रीय अध्यक्ष चिराग पासवान को अपना इस्तीफा भेज दिया. अपने इस्तीफा पत्र में चौरसिया ने विधानसभा चुनाव में लोजपा से टिकट देने के लिए अध्यक्ष को धन्यवाद दिया. बता दें कि चौरसिया ने 2020 में लोजपा से चुनाव लड़ा था, हालांकि उन्हें हार का सामना करना पड़ा.