नई दिल्लीः राष्ट्रीय राजधानी दिल्ली की एक घटना ने हर किसी को सोचने के लिए मजबूर कर दिया है. वहीं, इसका दूसरा पहलू यह भी देखने को मिला कि मानवता के कारण लोग दूसरे की जान बचाने की पूरी कोशिश करते हैं.


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दरअसल, पूर्वी दिल्ली एक नाले के पास से गुजर रही अनु नाम की महिला अपनी आफिस जा रही थी. तभी उसे कपड़ों में लिपटी और नाले में फेंकी एक नवजात पर नजर पड़ी. ठंड के कारण नवजात लगभग जम चुकी थी. नवजात को अनु पास के एक अस्पताल में भर्ती कराया. डॉक्टरों की कोशिश से फिलहाल नवजात खतरे से बाहर है.
नाले में पड़ी थी नवजात
नवजात को चाइल्ड वेलफेयर कमिटी जल्द ही कस्टडी में लेगी. वहीं, पुलिस ने नवजात की मां की पहचान कर उसके खिलाफ केस दर्ज कर लिया है. टाइम्स ऑफ इंडिया से बातचीत में अनु ने बताया, ‘पिछले सोमवार को सुबह करीब 9.50 पर वह स्कूटर से अपने कार्यालय जा रही थी. वहां सफाई कर्मचारी कूड़ा इकट्ठा कर रहे थे और उन्होंने ही अनु को नाले में पड़े उस नवजात के बारे में बताया.
बहन की मदद से पहुंचाया अस्पताल
आगे अनु ने कहा, ‘ वह नाले करीब गई जहां उसने देखा कि नवजात एक पैर फेंका. मैंने तुरंत उसे निकाला, अपनी बहन को बुलाया और उसे नजदीक के एक अस्पताल ले गई. हालांकि, वहां के डॉक्टरों के पास उसके इलाज की सुविधा नहीं थी.’
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अनु के पूरे परिवार ने किया देखभाल
बता दें कि नवजात के कारण अनु एक सप्ताह तक अनु अपने ऑफिस नहीं जा पाई. क्योंकि उस नवजात को 24 घंटे मदद की जरूरत थी. अनु को इस काम में परिवार के सदस्यों का भी साथ मिला. अनु के परिजनों ने बच्ची की देखभाल की. इस दौरान बच्ची के काफी करीब आ गए. खास, बात यह है कि अनु की बहन उस बच्ची को गोद लेना चाहती थी.
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