पटना: बाहुबली और पूर्व सांसद शहाबुद्दीन का बिहार आना संभव नहीं हो पा रहा है. तिहाड़ जेल में सजा काट रहे पूर्व सांसद मोहम्मद शहाबुद्दीन को दिल्ली हाई कोर्ट से पेरौल पर मंजूरी मिलने के साथ ही शहाबुद्दीन अपनी मर्जी के मुताबिक तीन दिन तक अपने परिजनों से मिल सकते हैं. पेरोल के दौरान शहाबुद्दीन के लिए जगह और समय सीमा भी निर्धारित कर दी गई है.


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इसके अनुसार जगह दिल्ली तय होगी और समय सीमा केवल 30 मिनट के लिए तय है. इस दौरान वो चाहें तो लगातार तीन दिन या फिर अलग-अलग दिन भी मुलाकात कर सकते हैं. हालांकि पेरौल मिलने के बाद बिहार आकर परिजनों से मिलने की गुंजाइश पर विराम लग गया है. अब इनके मिलने का ठिकाना दिल्ली में ही होगा. शहाबुद्दीन को पेरौल मिलने के बाद भी बिहार आने की इजाजत नहीं मिल सकी है.
परिजनों से मिलने की इजाजत
शहाबुद्दीन 30 दिनों के भीतर अपनी इच्छानुसार कोई भी तीन तारीख चुन सकते हैं. नियमों के मुताबिक शहाबुद्दीन को सुबह छह बजे से शाम चार बजे के बीच छह घंटे या फिर 30 दिनों के अंदर किसी भी तीन दिन में इतने घंटे की पेरोल ले सकते है. इन छह घंटों में यात्रा समय भी शामिल होगा. पैरोल की अवधि के दौरान उन्हें सिर्फ अपनी मां,पत्नी और अन्य रक्त संबंधियों से मिलने की ही इजाजत होगी.
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इस समय सीमा में सफर का समय भी शामिल था परिजन इस बात को लेकर आश्वस्त थे कि वो हवाई मार्ग से बिहार आकर परिजनों से मुलाकात कर सकते हैं. मगर अब जो खबरें सामने आ रही हैं इसके मुताबिक मोहम्मद शहाबुद्दीन को बिहार में लाने के बाद न्यायिक हिरासत और सुरक्षा की गारंटी लेने के लिए बिहार और दिल्ली की पुलिस तैयार नहीं है. बिहार की नीतीश और दिल्ली सरकार की मनाही के बाद शहाबुद्दीन को बिहार आने की इजाजत नहीं दी गई.
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