पटनाः बिहार के सैकड़ों प्रधानाध्यापकों पर शिक्षा विभाग ने एक्शन लिया है. हेड मास्टरों के वेतन भुगतान पर रोक लगा दी गई है. प्रधानाध्यापक के पद पर प्रमोटेड कुछ हेड मास्टरों के वेतन स्थगित का भी आदेश दिया गया है. शिक्षा विभाग की ओर से जारी नए आदेश के मुताबिक पटना जिला के विभिन्न स्कूलों में तैनात 32 प्रधानाध्यापकों का वेतन स्थगित कर दिया गया है.


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स्नातकोत्तर की असामान्य डिग्री के आधार पर सभी प्रधानाध्यपकों के ऊपर कार्रवाई हुई है. यूं कहें कि इनकी डिग्री को अमान्य या फर्जी माना गया है. तमिलनाडु की विनायक मिशन यूनिवर्सिटी और मेघालय की महात्मा गांधी यूनिवर्सिटी की डिग्री को अस्वीकार कर दिया गया है. विभाग के अंतिम निर्णय होने तक इन प्रधानाध्यापकों को शिक्षक के वेतनमान में पैसा दिया जायेगा.
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65 स्कूलों में ही विद्युतीकरण का काम
दूसरी तरफ 4 महीने पहले बिजली रहित स्कूलों के विद्युतीकरण के लिए बिहार शिक्षा परियोजना के समग्र शिक्षा अभियान अंतर्गत जिले के 145 स्कूलों में 2 करोड़ 21 लाख 85 हजार रुपये आवंटित किये हैं. 145 स्कूलों के 1264 कमरों में विद्युतीकरण कराने के एवज में प्रति विद्यालय 153000 की स्वीकृति दी गई है. हर स्कूल को 76,500 रुपये विद्यालय शिक्षा समिति के बैंक खाते में भेज दिए गए. लेकिन 145 स्कूलों में से मात्र 65 स्कूलों में विद्युतीकरण का काम शुरू हुआ है.
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हेड मास्टरों का रुका वेतन
बता दें कि शिक्षा विभाग के अधिकारी सरकार के आदेश पर शिथिलता बरतते हुए अबतक कार्य शुरू नहीं करवाया है. जिस पर विभाग ने एक्शन लिया है. समग्र शिक्षा अभियान के जिला कार्यक्रम पदाधिकारी ने 80 विद्यालयों के हेड मास्टर से स्पष्टीकरण मांगा है. वहीं, इन विद्यालयों के हेड मास्टर का वेतन भी अगले आदेश तक रोक दिया है. डीपीओ प्रवीण कुमार ने इस संबंध में आदेश जारी कर दिया है.
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