पटनाः किसानों के समर्थन में बिहार महागठबंधन के नेता एकजुट हैं. आज नेता प्रतिपक्ष तेजस्वी यादव के नेतृत्व में बैठक कर मानव श्रृंखला की तैयारी को लेकर चर्चा की. महागठबंधन के नेता और कार्यकर्ता बिहार की सड़कों पर कृषि कानून के खिलाफ मानव श्रृंखला बनायेंगे.


बैठक के बाद नेता प्रतिपक्ष तेजस्वा यादव ने केंद्र सरकार पर जमकर हमला किया. तेजस्वी यादव ने कहा कि सरकार किसानों काला कानून थोपना चाहती है. उन्होंने कहा कि यह किसानों के अस्तित्व का सवाल है. यह कानून लगभग 80 फ़ीसदी अबादी को प्रभावित करता है. सभी किसान कह रहे हैं कि यह काला कानून नहीं चाहिए जबकि सरकार थोपने पर तुली है.
कानून में एमएसपी का जिक्र नहीं
तेजस्वी यादव ने कहा कि किसानों को पता है कि उनका हित किस में है. किसानों को आपत्ति है, इस इस काला कानून को लागू होने नहीं देना चाहते हैं. ऐसे में सरकार की क्या मजबूरी है कि वह देश के 80 आबादी पर यह काला कानून थोपना चाहती है. उ्नोहोंने कहा कि अन्नदाताओं को सम्मान मिलना चाहिए. लेकिन एमएसपी को लेकर तीनों कानून में जिक्र तक नहीं है. यह कानून अन्नदाताओं के लिए नहीं बल्कि फंड दाताओं के लिए है.समस्याओं का खोजने हल
किसान को देने बल
घर से मैं भी निकालूँगा मेरे भाई
घर से तू भी निकलकल की मानव शृंखला मैं अधिक से अधिक संख्या में हमारे बिहारी भाई बहन साथ आएँ और हमारे अन्नदाता किसान भाइयों के सम्मान, हक़, न्याय, अधिकार की लड़ाई को ताक़त और आवाज़ दें।#farmersrprotest pic.twitter.com/XGllNn6mtA
— Tejashwi Yadav (@yadavtejashwi) January 29, 2021
पूंजीपतियों के हाथ में जमीन सौंपने की तैयारी
मीडिया को संबोधित करते हुए कहा कि पूरे देश भर के किसानों का जमीन पूंजीपतियों के हाथ में सौंपने की तैयारी चल रही है. महागठबंधन के लोग मजबूती के साथ किसानों के उनके संघर्ष के साथ खड़े हैं. तेजस्वी ने कहा कि महागठबंधन ने पहले भी घोषणा किया था कि काला कानून को इसी बिहार सरकार खत्म करे.
मंडी व्यवस्था की उठी मांग
तेजस्वी यादव ने मांग करते हुए कहा कि बिहार में फिर से मंडी, बाजार समिति व्यवस्था को सरकार लागू करे. उन्होंने कहा कि जब राज्य में राजद की सरकार थी तब एमएसपी से भी अधिक कीमत किसानों को मिलती थी. जबसे नीतीश कुमार ने बाजार समिति व्यवस्था खत्म की तब से किसान मजदूर बन गया है.
नीतीश की चुप्पी पर सवाल
महागठबंधन के नेताओं ने सवाल करते हुए कहा कि इस मसले पर सीएम नीतीश कुमार चुप क्यों हैं. कृषि बिल को लेकर मौन क्यों हैं? क्या किसान आंदोलन कर गलत कर रहे हैं. क्या यह काला कानून किसानों के हित में है या नहीं है. इस पर नीतीश कुमार क्यों नहीं स्पष्ट बोल रहे हैं. आखिर नीतीश कुमार क्या मजबूरियां हैं.
कुर्सी बचाने में लगे नीतीश
नीतीश कुमार से सवाल करते हुए महागठबंधन के नेताओं ने पूछा है कि नीतीश सरकार स्पष्ट करे कि 2006 से जब से कानून लागू हुआ है किसानों को फायदा हुआ है या नुकसान हुआ, इसकी जानकारी दें. वहीं तेजस्वी यादव ने कहा कि सबके लिए आवाज उठाते हैं. वहीं, सीएम पर आरोप लगाते हुए कहा कि नीतीश कुमार लगातार लोकतंत्र की हत्या कर रहे हैं. धरना स्थल पर लोगों को बैठने नहीं दिया जाता है. नीतीश कुमार कुर्सी बचाओ अभियान में लगे हैं. लोग जाते हुए हैं. मुख्यमंत्री इसी अभियान में लगे हैं कि कैसे कुर्सी बचाई जाए.