पटनाः राजधानी पटना में मंगलवार को हाईप्रोफाइल मर्डर केस में पुलिस के हाथ अब तक खाली हैं. मामला पूरे तौर पर अब उलझते हुए दिख रहा है. पूर्व सांसद पप्पू यादव ने बड़ा बम फोड़ा है. जन अधिकार पार्टी के राष्ट्रीय अध्यक्ष पप्पू यादव ने आईएएस अफसरों पर आरोप लगाकर सनसनी फैला दी है.


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पूर्व सांसद ने बिहार के एक डीएम और नीतीश कुमार के करीबी माने जाने वाले एक प्रधान सचिव पर आरोप लगाकर हड़कंप मचा दिया है. पप्पू यादव ने प्रेस कॉन्फ्रेंस कर खुलेआम आरोप लगाया है कि रूपेश हत्याकांड में कहीं न कहीं आईएएस अधिकारियों की संलिप्तता है. पप्पू यादव ने सीधे आरोप लगाया कि सीमांचल इलाके के एक डीएम ने 70 क्रिमिनल को लाईसेंस दिया है. वैसे अधिकारी की भूमिका संदेह के घेरे में है.
डीएम को सस्पेंड करने की मांग
जाप प्रमुख ने कहा कि जिस अधिकारी पर सीबीआई की जांच चल रही हो उसे मुख्यमंत्री नीतीश कुमार ने सचिवालय में भी बड़ा पोस्ट दिया, इसके बाद जिला में डीएम के पद पर पदस्थापित किया है. ऐसे अधिकारी सत्ता में बने रहेंगे तो बिहार का क्या होगा. पप्पू यादव ने सीमांचल के एक जिले में तैनात उक्त डीएम को सस्पेंड करने की मांग की है.
ठेके में संलिप्तता
पप्पू यादव ने कहा कि पीएचईडी और बिजली विभाग के ठेकों में रूपेश सिंह की संलिप्तता थी. दरभंगा में नहर का ठेका जिस कंपनी को मिला उसमें भी रूपेश सिंह शामिल थें. इन्हीं कारणों की वजह से बड़े ठेकेदारों, नेताओं और अधिकारियों के इशारे पर रूपेश सिंह की हत्या करवाई गयी. इसकी पूरी जांच निष्पक्ष तरीके से होनी चाहिए.
अनियमितता का लगाया आरोप
सरकारी विभागों में प्रशासनिक अनियमितता का आरोप लगाते हुए पप्पू यादव ने कहा कि वर्ष 2018 में बिहार स्टेट पावर होल्डिंग कॉर्पोरेशन लिमिटेड की ओर से पांच ऐसी महिलाओं को विदेश प्रशिक्षण के लिए भेजा गया जो योग्य नहीं थीं. ये सब कॉर्पोरेशन के सीएमडी प्रत्यय अमृत के इशारों पर हुआ.
एक नेता के खाते में जाता था पैसा
पप्पू यादव ने आगे कहा कि रूपेश सिंह के खाते से एक नेता के यहां भी पैसा जाता था, आखिर वो नेता कौन है? इसकी भी पड़ताल होनी चाहिए. रूपेश सिंह तो एयरपोर्ट पर काम करते थे.आखिर उक्त नेता से तो उन्हें एयरपोर्ट से ही संबंध बना होगा.
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