सुपौलः जिले के प्रतापगंज से देश के अन्य हिस्सों से जोड़ने के लिए ट्रायल इंजन पहुंचा जिसे देखने के लिए पहुंचे लोगों में खुशी की लहर दौड़ गई. 20 जनवरी 2012 यानी बीते 9 वर्षों के बाद प्रतापगंज रेलवे स्टेशन पर बड़ी रेल लाइन का पहला ट्रायल इंजन पहुंचा.


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ट्रेन को देखते ही लोगों ने कहा कि करीब दशक भर बाद ट्रेनों के चलने की आस जग गई है. रेल इंजन की सीटी बजते ही हजारों की संख्या में महिला, पुरुष, बच्चे और बुजुर्ग प्रतापगंज स्टेशन पर उमड़ पड़े. कई सालों बाद स्टेशन पर इंजन देख लोगों में खुशी का माहौल था. स्थानीय लोगों ने इसके लिए पीएम का आभार जताया है. पीएम मोदी ने कुछ ही महीने पहले कोसी नदी पर बने रेल महासेतु पर ट्रेन परिचालन को हरी झंडी दिखाई थी.
लोगों में रही गहमागहमी
स्थानीय लोगों का कहना है कि जल्द ही रेल से यात्रा करने का सपना पूरा होगा. वहीं, लोग एक दूसरे से पूछ रहे थे कि आखिर कब से ट्रेनों की शुरूआत होगी. दरअसल, पिछले वर्ष ही सहरसा से सरायगढ़-आसन्नपुर और राघोपुर तक बड़ी रेल लाइन की ट्रेनों का परिचालन शुरू हुआ है. इसके बाद राघोपुर से फारबिसगंज के बीच धीमे चल रहे आमान परिवर्तन कार्य में गति देखी गई.
मार्च-अप्रैल से परिचालन संभव
रेलवे के डिप्टी चीफ इंजीनियर संजय कुमार ने बताया कि फारबिसगंज तक रेल परिचालन की पूरी जानकारी वरीय पदाधिकारी ही दे सकते हैं. हालांकि यह जरुर बताया कि मार्च-अप्रैल तक ललित ग्राम तक अमान परिवर्तन का कार्य पूरा कर ट्रेनों का परिचालन हो सकता है.
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