पटना: जहां एक तरफ बिहार की बेटी भावना कंठ देश की पहली एयर फोर्स की पायलट बन कर,देश और बिहार का नाम ऊंचा कर रही है,वहीं दूसरी तरफ अब नई दिल्ली के राजपथ पर होने वाले परेड में ब्रह्मोस मिसाइल दस्ते का नेतृत्व बिहार के मूल निवासी कैप्टन मो.कमरूल जमां करते हुए दिखेंगे.


बता दें कि ब्रह्मोस मिसाइल अपनी मारक क्षमता के लिए पूरी दुनिया भर में मशहूर है और इसी मिसाइल सिस्टम को लीड करते हुए बिहार के लाल कैप्टन जमां,बिहार ही नहीं बल्कि पूरे देश का नाम रोशन करेंगे.इंडियन मिलिट्री एकेडमी से 2008 में पास आउट होने के बाद वह अभी भारतीय सेना में कैप्टन के पद पर हैं.
2012 में मेडिकल कोर में हुए भर्ती
कैप्टन कमरूल सीतामढ़ी जिले के राजा नगर मलकापुर गांव के निवासी हैं. उनके पिता का नाम गुलाम मुस्तफा खान है जो पेशे से बिजनेसमैन हैं. वहीं, कमरूल जमां की स्कूली शिक्षा सीतामढ़ी के सीतामढ़ी उच्च मध्य विद्यालय से पूरी हुई है. 2012 में वह आर्मी मेडिकल कोर में भर्ती हुए थे. इसके बाद आर्म्ड फोर्सेस मेडिकल कॉलेज पुणे से बी.फार्मा का कोर्स पूरा किया और फिर आर्मी कैडेट कॉलेज कमीशन पास कर सेना में अधिकारी बनने में कामयाब रहे.
सैन्य बलों के अनुशासन से थे प्रभावित
कैप्टन मो.कमरूल जमां ने एक मीडिया संस्थान में बातचीत के दौरान बताया कि बचपन से देश की सेवा करने की इच्छा थी. सैन्य बलों का अनुशासन और देश सेवा की भावना देख कर प्रभावित होता था. बचपन में ही ठान लिया था कि सेना में जाना है.
कमरुल जमां ने बताया कि इसी सोच के साथ 12वीं करने के तुरंत बाद सेना ज्वाइन कर लिया. गणतंत्र दिवस के अवसर पर परेड में ब्रह्मोस मिसाइल सिस्टम दस्ते को लीड करने का अवसर मेरे लिए गर्व की बात है. मेरे लिए सबसे पहले और सबसे बढ़कर देश सेवा है.