नालंदा: बिहार के नालंदा के राजगीर विधानसभा क्षेत्र में इस बार सबसे रोचक मुकाबला देखने को मिलेगा.


इस सीट पर जहां एक तरफ जेडीयू से बागी होकर कांग्रेस की टिकट पर चुनाव लड़ रहे रवि ज्योति हैं, वहीं, दूसरी तरफ एनडीए समेत अन्य दल प्रत्याशी हैं.
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हालांकि, राजगीर विधानसभा क्षेत्र में महागठबंधन बनाम एनडीए की लड़ाई काफी दिलचस्प होगी क्योंकि जदयू से बागी होने के बाद रवि ज्योति ने एनडीए के खिलाफ मोर्चा खोल दिया है.
40 साल से बीजेपी शासनकाल को किया था खत्म
बता दें कि निवर्तमान विधायक रवि ज्योति ने 2015 के विधानसभा चुनाव में राजगीर सीट पर 40 साल से चल रहे बीजेपी शासनकाल को खत्म कर जेडीयू का झंडा गाड़ा था.
लेकिन इस बार एनडीए ने उन्हें राजगीर से टिकट नहीं दिया. इस कारण राजगीर के हजारों कार्यकर्ताओं की आवाज पर रवि ज्योति ने कांग्रेस का दामन थाम लिया.
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पार्टी नेता पर लगाया आरोप
कांग्रेस उम्मीदवार के तौर पर नामांकन करने के बाद विधायक रवि ज्योति ने भावुक स्वर में कहा कि हमने एक सच्चे सिपाही की तरह पार्टी की सेवा की.
लेकिन 5 सालों की सेवा के बदले मुझे पार्टी से टिकट नहीं दिया गया और पार्टी ने वंशवाद की राह पर चलते हुए टिकट किसी और को दे दिया, जिसे पार्टी से दूर-दूर तक मतलब नहीं है.
उन्होंने कहा कि यह नामांकन मेरा नहीं बल्कि राजगीर की समस्त जनता का नामांकन है क्योंकि मैंने अपनी जीत का फैसला राजगीर की जनता पर ही छोड़ दिया है. इस बार राजगीर से वंशवाद का समापन होगा.