पटना: बिहार सरकार ने केंद्र सरकार को मल्लाह और बिंद जाति सहित कई उप जातियों को अनुसूचित जाति कैटेगरी में शामिल करने के लिए अनुरोध किया था. इसे केंद्र सरकार ने रिजेक्ट कर दिया है. केंद्र सरकार से मिलेझटके के बाद बिहार में सियासत तेज हो गई है.


सन ऑफ मल्लाह के नाम से मशहूर बिहार सरकार में मत्सय एवं पशुपालन मंत्री मुकेश सहनी का दर्द छलका है. सहनी ने कहा कि मल्लाह समाज को अनुसूचित जाति की कैटेगरी में शामिल करने की लड़ाई सालों से जारी है. निषाद समाज को अनुसूचित जाति की कैटेगरी में शामिल कराने के लिए 2015 से लड़ाई लड़ रहे हैं. 70 सालों से मल्लाह समाज के साथ छल किया जा रहा है.
समाज के साथ व्यवहार ठीक नहीं
केंद्र में जिसकी भी सरकार हो, इस तरह का व्यवहार निषाद समाज के साथ करना सही नहीं है. देश संविधान से चलता है. दिल्ली और बंगाल में निषाद समाज के लिए आरक्षण है, तो बिहार में भी उन्हें आरक्षण मिलना चाहिए. हनी का कहना है कि इसके लिए लड़ते रहे हैं और आगे भी लड़ते रहेंगे. निषाद समाज को हम उसका हक दिला कर रहेंगे. हम किसी से खैरात नहीं मांग रहे है. यह हमारा अधिकार है.
अमित शाह से भी की है मुलाकात
वहीं मंत्री बनने के बाद इस मुद्दे को भूल चुके सहनी आज पूरे फार्म में थे. मुकेश सहनी ने कहा कि इस समुदाय की लड़ाई लड़ते-लड़ते आज मैं इस जगह तक पहुंचा हूं. जिस रोज उनको लगेगा कि मैं उनके लिए कुछ नहीं कर रहा, उसी दिन मैं अपनी कुर्सी छोड़ने के लिए तैयार हूं. सहनी ने कहा- मैंने पिछले महीने आरक्षण को लेकर अमित शाह से मुलाकात की थी. उन्होंने ने आश्वासन भी दिया है कि बंगाल चुनाव के बाद इस बात को गंभीरता से लेंगे.