पश्चिम बंगाल में विधानसभा चुनाव में बीजेपी के उम्मीदवारों के नाम की घोषणा के साथ ही पार्टी में नेताओं के पार्टी छोड़ने का सिलसिला शुरू हो गया है. रविवार (14 मार्च) को भाजपा को एक साथ दो बड़े झटके लगे. चुनाव में टिकट ना मिलने से नाराज दिग्गज नेता सोवन चटर्जी ने बीजेपी को का साथ बीच मझधार में ही छोड़ दिया है.


सोवन चटर्जी कोलकाता के मेयर रह चुके हैं और साल 2019 में भाजपा में शामिल हुए थे. उन्हें बीजेपी ने उनके पारंपरिक सीट बेहला पूर्व से टिकट देने से इनकार कर दिया. यहां से पायल सरकार को टिकट दिया गया है. वो 25 फरवरी को भाजपा में शामिल हुई थीं जबकि पूर्व मेयर यहां से खुद के लिए टिकट चाहते थे.
बेहला वेस्ट से मांग रहेते टिकट
वहीं, पूर्व मेयर सोवन चटर्जी बीजेपी भाजपा नेत्री बैशाखी बनर्जी के लिए भी बेहला वेस्ट से टिकट चाहते थे. लेकिन पार्टी ने दोनों में से किसी को टिकट नहीं दिया. हालांकि, बीजेपी यह चाहती थी चटर्जी बेहला पश्चिम से चुनाव लड़ें क्योंकि उनकी पत्नी रहीं रतना चटर्जी को बेहला पूर्व से टिकट दिया गया है. पार्टी नहीं चाहती है कि यहां चुनावी मैदान दोनों के बीच मुकाबले का क्षेत्र बने.
सोशल मीडिया के जरिए दी इस्तीफे की जानकारी
बीजेपी ने सोवन चटर्जी को बेहाला पश्चिम से अपना उम्मीदवार घोषित करने का फैसला कर किया था लेकिन घोषणा होने से पहले ही कोलकाता के पूर्व मेयर ने भारतीय जनता पार्टी से इस्तीफा दे दिया. इंडिया टुडे की खबर के अनुसार रविवार को बैशाखी बनर्जी ने भाजपा से सोवन चटर्जी के इस्तीफे की घोषणा की. बैशाखी बैनर्जी ने भी फेसबुक पोस्ट के माध्यम से भाजपा से अलग होने के निर्णय की जानकारी दी.
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बैशाखी ने अपने पोस्ट में लिखा है कि आज का अपमान हमारे साहस को कम नहीं कर सकता है. वहीं, सोवन चटर्जी के इस्तीफे को बीजेपी के लिए तगड़ा झटका माना जा रहा है. क्योंकि बीजेपी सोवन के सहारे ही दक्षिण 24 परगना में अपने वोट बैंक को मजबूत करना चाहती थी. सोवन चटर्जी और बैशाखी बनर्जी ने अपना इस्तीफा दिल्ली के राष्ट्रीय नेतृत्व को भेज दिया है.