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9 अगस्त को भारत छोड़ो आन्दोलन की याद में राजनीतिक तीसरा मोर्चा के द्वारा कमरतोड महंगाई, बढती बेरोजगारी, भ्रष्टाचार, शिक्षा एव स्वास्थ्य की लचर व्यवस्था एवं बंद छात्रवृति के सवाल पर राजधानी पटना के सप्तमूति के पास विरोध प्रदर्शन किया गया।

नौ दलों के इस मोर्चा में काफी संख्या मे उपस्थित कार्यकर्ताओं को संबोधित करते हुए भारतीय मोनिन फ्रंट के राष्ट्रीय अध्यक्ष महबूब आलम अंसारी ने कहा कि देश बदहाली के दौर से गुजर रहा है। धर्म और जाति के आधार पर सांप्रदायिक शक्तियो के द्वारा देश को बांटने की रक्तरंजित साजिश की जा रही है। सरकार का ध्यान बेरोजगारी, भ्रष्टाचार, गरीबी, शिक्षा – स्वास्थ्य जैसे जन मुद्दो पर पर न होकर घिनौने रूप से राजनैतिक रोटियां सेंकने में लगा हुआ है।

ऐसे में हरेक बुधिजीवी , देशभक्त नागरिक का यह कर्तव्य बनता है कि सरकार की दोरंगी नीति का जमकर विरोध करे और ऐसी सांप्रदायिक सरकार को खदेड़कर एक लोकतांत्रिक सरकार को सत्ता पर बिठाए।

प्रतिरोध सभा को संबोधित करते हुए शोषित समाज दल के राष्ट्रीय समिति सदस्य अखिलेश कुमार ने स्वतंत्रता आन्दोलन में शहीद देशवासियो को नमन करते हुए कहा कि हमारी शहादत स्वतंत्रता, समता और बंधुत्व पर आधारित व्यवस्था के लिए हुई थी।

पर अफसोस कि आजादी के 75 वर्षो के बाद भी देश अपनी बदहाली पर आंसू बहा रहा है। बेरोजगारी चरम पर है। देश की दशा और दिशा बदलने वाली नौजवान पीढ़ी दर – दर की ठोकरें खा रहा है । भ्रष्टाचार का दीमक देश को खोखला कर रहा है।

देश के हुक्मरान को आम जन, मजदूर, – किसान, पिछड़ा, दलित, आदिवासी, अल्पसंख्यक आदि के जीवन से कोई मतलब नहीं है । वह जो भी नीतियां बना रहा है वह चन्द कारपोरेटों के इशारे पर बना रहा है। इसका विरोध करनेवालों को सरकार विभिल प्रकार से प्रताडित कर रही है।

ऐसी विषम परिस्थिति में इस प्रदर्शन के माध्यम से हम देश को बताना चाहते हैं कि हमें अपनी कमर और कसनी होगी और समता पर आधारित व्यवस्था के निर्माण के लिए एकजुट होकर लड़ाई को और तेज करना होगा। सभा को संबोधित करनेवाले अन्य वक्ताओं में तीसरा मोर्चा के संयोजक बी .बी .सिंह., राकेश पटेल, कंचन देवी, इन्दु देवी, आशा यादव, हरिचरण यादव आदि प्रमुख थे ।

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