केंद्र सरकार ने बड़ा फैसला लेते हुए देशभर के करोड़ों वाहन चालकों को राहत दी है. दरअसल सरकार के फैसले के बाद अब दिल्ली-एनसीआर समेत पूरे देश में ड्राइविंग लाइसेंस और रजिस्ट्रेशन सर्टिफिकेट वाहन चलाते समय अपने साथ रखने की जरूरत नहीं पड़ेगी. अब वाहन चालक ट्रैफिक पुलिस और परिवहन विभाग को डिजी-लॉकर या फिर एम-परिवहन मोबाइल ऐप में डिजिटली रखे गए डॉक्यूमेंट्स को दिखा सकते हैं.
मिली कानूनी मान्यता
केंद्रीय परिवहन व राजमार्ग मंत्रालय की ओर से जारी किए गए आदेश के बाद अब सभी राज्यों में m-Parivahan ऐप और DigiLocker में सेव किए गए डॉक्यूमेंट्स को वैलिड माने जाएंगे. इसे अब कानूनी मान्यता दे दी गई है. सरकार इसको लेकर सभी राज्य और केंद्रशासित प्रदेशों में न्यूजपेपर में ऐड देकर लोगों को इसके बारे में जानकारी दी रही है.
पुलिस नहीं कर सकेगी मजबूर
सरकार के मुताबिक अब डिजिलॉकर (Digilocker) और एम-परिवहन (m-Parivahan) में अपने डॉक्यूमेंट्स को दिखाते हैं तो ट्रैफिक पुलिस आपको अपने ड्राइविंग लाइसेंस या व्हीकल आरसी की हार्ड कॉपी दिखाने के लिए मजबूर नहीं कर सकती. सरकार के आदेश के मुताबिक डिजिलॉकर या एम-परिवहन मोबाइल ऐप पर डिजिटली ड्राइविंग लाइसेंस और रजिस्ट्रेशन सर्टिफिकेट मोटर व्हीकल एक्ट, 1988 के तहत वैलिड डॉक्यूमेंट्स हैं. ये ट्रांसपोर्ट डिपार्टमेंट द्वारा जारी सर्टिफिकेट के समान कानूनी रूप से मान्यता प्राप्त हैं.
ऑरिजनल डॉक्यूमेंट्स की तरह है वैलिड
परिवहन विभाग द्वारा जारी किए गए नोटिस में कहा गया है कि ट्रैफिक पुलिस और ट्रांसपोर्ट डिपार्टमेंट की इंफोर्समेंट ब्रांच डिजिलॉकर और एम-परिवहन ऐप में दिखाए जाने पर ड्राइविंग लाइसेंस और आरसी के इलेक्ट्रॉनिक फॉर्म को वैलिड मानती है. नोटिस में यह भी कहा गया है कि डिजिलॉकर या एम-परिवहन पर उपलब्ध ड्राइविंग लाइसेंस और रजिस्ट्रेशन सर्टिफिकेट के इलेक्ट्रॉनिक रिकॉर्ड को भी इन्फॉर्मेशन टेक्नोलॉजी एक्ट, 2000 के प्रोवीजन्स के मुताबिक ऑरिजनल डॉक्यूमेंट्स के समान मान्यता हासिल है.
सिर्फ इन्हें ही है मान्यता
Digilocker या m-Parivahan App जैसे सरकार द्वारा अप्रूव्ड ऐप में ऐसे डॉक्यूमेंट्स को रखना सेफ और वैलिड माना जाता है लेकिन उन्हें डिजिटल रूप से स्टोर करने के लिए उपयोग किए जाने वाले दूसरे ऐप्स को ऑरिजनल डॉक्यूमेंट्स की मान्यता हासिल नहीं है.