बिहार सरकार ने एशियन विकास बैंक (एडीबी) के सहयोग से 7 स्टेट हाईवे के चौड़ीकरण का फैसला लिया है। पूरे देश में गांव हो या शहर सड़कों पर आज कल लोगों से ज्यादा वाहन दिखाई देते हैं। नए वाहनों के रजिस्ट्रेशन के मामले में बिहार कई राज्यों से आगे है। यहां की आबादी अधिक होने की वजह से ज्यादा से ज्यादा गाड़ियां सड़कों पर आ रही है। ऐसे में आए दिन सड़कों पर जाम और दुर्घटनाओं की खबरें सामने आ रही हैं।
बिहार के अधिकांश इलाकों में कई ऐसी सड़कें हैं, जिनकी अवस्था जर्जर है और उनका चौड़ीकरण काफी जरूरी है। इसी को देखते हुए राज्य सरकार ने 7 स्टेट हाईवे के चौड़ीकरण का फैसला लिया है। इन सभी स्टेट हाईवे के चौड़ीकरण से 9 जिलों को सीधा फायदा होगा।
बिहार सरकार : प्रत्यक्ष तौर पर नौ जिलों को लाभ होगा
चौड़ीकरण से इन सड़कों की चौड़ाई लगभग पांच फीट बढ़ जायेगी। इन सड़कों के निर्माण से प्रत्यक्ष तौर पर नौ जिलों को लाभ होगा। इन सड़कों के निर्माण के लिए एडीबी ने कर्ज देने की सहमति दे दी है। बिहार राज्य पथ विकास निगम इन सड़कों का चौड़ीकरण करेगा।
बता दें कि एडीबी की सहायता से पहले भी राज्य की सड़कों का चौड़ीकरण हुआ है। पहले चरण में 824 किलोमीटर, दूसरे चरण में 628 किलोमीटर तो तीसरे चरण के पहले फेज में 231 किलोमीटर सड़कों का चौड़ीकरण हुआ है। अब तीसरे चरण के दूसरे फेज में 286 किलोमीटर लंबे इन सातों स्टेट हाइवे का चयन किया गया है। इस पर कुल 2727 करोड़ 34 लाख रुपए खर्च होंगे, जिसमें से एडीबी से कर्ज के तौर पर 2303 करोड़ मिले हैं।
इन सड़कों के निर्माण से कटिहार, पूर्णिया, बांका, किशनगंज, सहरसा, खगड़िया, पश्चिम चम्पारण, नवादा और औरंगाबाद जिलों को लाभ होगा। दो लेन बनने वाली इन सड़कों की चौड़ाई कम से कम 21 फीट हो जाएगी। सड़कों की चौड़ाई बढ़ने से न केवल यातायात सुगम होगा, बल्कि जिन क्षेत्रों की ये सड़कें हैं वहां जाम से भी मुक्ति मिलेगी।