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हम जब भी सरकारी स्कूल की बात करते हैं तो माता पिता भले ही सरकारी नौकरी क्यों ना करें, लेकिन बच्चों को प्राइवेट स्कूल में भेजते हैं, लेकिन अब एक नया ट्रेंड शुरू हो गया। अब प्राइवेट स्कूल के बच्चे सरकारी स्कूल में जाने लगे हैं और ऐसा इसलिए हो रहा है, क्योंकि सरकार द्वारा सरकारी स्कूलों में बेहतर व्यवस्था दी जा रही है। ऐसा गुजरात में हो रहा है।

दरअसल गवर्नमेंट ऑफ गुजरात द्वारा प्राप्त आंकड़ों के अनुसार साल 2018-19 में ये संख्या 33,822 थी और 2019-20 में 31,382 रही. यही नहीं यहां के बनासकांठा जिले (Banaskantha) में ये संख्या इन सालों में क्रमश: 2707 और 2969 रही. इस बारे में एक जिला प्राथमिक शिक्षा अधिकारी ने बताया कि अब सरकारी स्कूलों में बेहतर व्यवस्था मिल रही है, जिस वजह से माता-पिता अपने बच्चों को प्राइवेट स्कूल से निकालकर सरकारी स्कूल में पढ़ा रहे हैं।

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इसी वजह से सरकार को इस साल 3 प्राइवेट स्कूलों को बंद करना पड़ा है। वही दूसरी तरफ उन छात्रों के 3,300 प्रवेश मिले हैं जो पहले निजी स्कूलों में पढ़ रहे थे और उम्मीद है कि यह संख्या कम से कम 4,000 तक पहुंच जाएगी.’ जिले में 2,352 सरकारी स्कूल हैं जहां लगभग 3.50 लाख छात्र पढ़ रहे हैं और मिशन स्कूल ऑफ एक्सीलेंस के कारण स्कूलों में सुविधाओं में सुधार हुआ है।

हालांकि शिक्षा अधिकारी ने यह भी कहा कि सरकारी स्कूलों में ना सिर्फ बच्चों को अच्छी सुविधाएं मिल रही है, बल्कि यहां पर प्राइवेट स्कूल से बेहतर पढ़ाई हो रही है। इसलिए उम्मीद की जा रही है कि आगे भी बच्चे प्राइवेट की जगह सरकारी स्कूल में दाखिला करवाएंगे। यह बात गुजरात की हुई लेकिन बिहार में सरकारी स्कूलों की हालत अभी भी काफी बदतर है, जिसे सुधारने की कोशिश सरकार द्वारा लगातार की जा रही है।

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