Bihar News : बिहार में सबसे अनोखी और दिलचस्प जानकारी सामने आई हैं, अब पुरे प्रदेश में पक्षियों की गणना होने वाली हैं। जलीय पक्षियों को रास आ रही बिहार की आब-ओ-हवा खूब लुभा रहा झील तालाब चौर नहर और डैम में इनका बसेरा बर्ड सेंशस की हालिया रिपोर्ट में यह बात सामने आई 45173 पक्षियों में अकेले 39317 जलीय पक्षी जमीन पर दिखने वाले पक्षियों से अधिक बिहार में जलीय पक्षियों की मौजूदगी है। इन्हें बिहार की ओबाहवा खूब भा रही।
Bihar News : जमीन से ज्यादा जलीय पक्षी है बिहार में
अब बिहार में हुए पक्षी गणना की रिपोर्ट इस महीने आई है। जमीन पर दिखने वाले पक्षियों से अधिक बिहार में जलीय पक्षियों की मौजूदगी है। इन्हें बिहार की ओबाहवा खूब भा रही। सूबे के अलग-अलग हिस्से में स्थित चौर, नहर व डैम जलीय पक्षियों के बड़ेे बसेरे के रूप में सामने आए हैैं। बिहार में हुए पक्षी गणना की रिपोर्ट इस महीने आई है। महत्वपूर्ण पहलू यह है कि कुल 45,173 पक्षियों में 39,937 जलीय पक्षी हैैं। जलीय पक्षियों की मौजूदगी सभी जिलों में है।
ऐसे जिले जहां एक हजार से अधिक की संख्या में जलीय पक्षी मिले हैैं उनकी संख्या भी बिहार में कम नहीं। पूर्वी चंपारण के सरोतर लेक में 1,006, सहरसा के बोरा चौर में 1,060, औरंगाबाद स्थित इंद्रपुरी बराज वाले हिस्से में 2,641, भागलपुर के जगतपुर लेक में 1,935, भागलपुर के गंगा प्रसाद लेक में 1,546, बांका के ओढऩी डैम में 1,928, जमुई के नागा-नकटी डैम में 2,430, नकटी डैम में 1,841, जमुई के गढ़ी डैम में 1,140, गोगाबिल लेक, कटिहार में 4,973 व मुजफ्फरपुर के बतरौलिया चौर में 1,777 जलीय पक्षियों की मौजूदगी मिली है।
सबसे पहला नंबर इस संदर्भ में कटिहार के गोगाबिल लेक का है। पक्षी जनगणना में यह बात सामने आई है कि जलीय पक्षियों की यहां 80 प्रजातियां मिली हैं। इनमें लेसर व्हसिलिंग डक, एशियन ओपेन बिल्ड स्ट्रोक, लिटिल कोरमोरैैंट, कामन कूट गढ़वाल आदि शामिल हैैं। जल से जुड़े पक्षियों की 21 प्रजातियां यहां मिली हैं। इनमें बार्न स्वैलो, डस्की क्रेग मार्चि्रन, सैैंड मार्टिन, व्हाइट थ्रोटेड किंगपिशर आदि हैैं। इनकी संख्या 2,271 है।