बिहार में शिक्षा व्यवस्था इस तरह ख़बरों में रहती है लेकिन इसे फिर भी अच्छी बात नहीं कही जा सकती ।यहाँ लोग टॉप करने से डरते हैं.
फिर से बिहार की शिक्षा व्यवस्था आ गयी है ख़बरों में.
हाल ही में एक ऐसा मामला सामने आया है जिसे सुनकर आप शायद हैरान नहीं भी हो. क्यूंकि आप सोचेंगे की यहाँ तो रोज़ ऐसा ही होता है। पर फिर भी आपको ये पूरा मामला सुन कर हँसी बहुत आने वाला है। दरसल यह मामला दरभंगा जिले में स्थित नारायण मिथिला यूनिवर्सिटी (LNMU) से जुड़ा है।
अब परीक्षा में एक छात्र की क्या उम्मीद है होती है की वो अच्छे नम्बरों से , पूरे नम्बरों से पास हो जाए.पर यहां एक छात्र को 100 में से 151 नंबर मिले हैं पर उस छात्र के लिए ये ख़ुशी की बात नहीं है । अब आप सोचेंगे भला क्यों। क्यूंकि 151 नंबर प्राप्त करने के बाद भी वो छात्र को फ़ैल कर दिया है.. छात्र को हाल में जारी र में अधिकतम अंकों से अधिक अंक प्राप्त हुए।
दरअसल, ये मामला बिहार के ललित नारायण मिथिला यूनिवर्सिटी (LNMU) का है. दरभंगा जिले के स्टूडेंट अनमोल कुमार को हाल ही में जारी एग्जाम रिजल्ट में अधिकतम 100 नंबर से अधिक अंक प्राप्त होने का अजीबो गरीब मामला सामने आया है. अनमोल कुमार एमआरजेडी कॉलेज में स्नातक कला संकाय का 2nd ईयर में पढाई कर रहा था. यूनिवर्सिटी ने बीते 30 जून को रिजल्ट प्रकाशित किया है.
यूनिवर्सिटी ने बीए की परीक्षा के रिजल्ट आधिकारिक वेबसाइट पर जारी किया था. जब छात्र ने अपने अंक देंखे तो उसके होश उड़ गए. अनमोल के मार्क शीट पर कुल 420 अंक आये है. इसके बाद भी विवि ने छात्र को फेल घोषित कर दिया है. ऐसे में इतने अंक मिलने के बाद भी छात्र खुश होने के बजाए सिर पकड़कर ही बैठेगा न। कॉलेज के इस लापरवाही से छात्र काफी परेशान है.
तो परेशान छात्र मामले की शिकायत लेकर पहले एमआरजेडी इंटर कॉलेज के प्राचार्य के पास पहुंचा. उसके बाद यूनिवर्सिटी के आला अधिकारियों के पास छात्र ने शिकायत की है.
छात्र के द्वारा शिकायत मिलने पर विश्वविद्यालय स्तर से डाटा सेंटर की ओर से मार्कशीट को आधिकारिक वेबसाइट से हटा लिया गया है.
छात्र ने कहा, हालांकि यह एक वैकल्पिक मार्कशीट है। लेकिन अधिकारियों को इसे जारी करने से पहले इसकी जांच करनी चाहिए थी। चूंकि यह टाइपिंग की गलती थी. इसलिए मुझे संशोधित अंकपत्र जारी किया गया। अब मैं प्रमोट होकर बीए ऑनर्स के तृतीय वर्ष में पहुंच गया हूं।’
वहीं एक बीकॉम के छात्र के साथ भी कुछ ऐसा ही हुआ। उसे एक परीक्षा में शून्य नंबर मिले, फिर भी यूज़ प्रमोट कर दिया गया। यूनिवर्सिटी के रजिस्ट्ररार मुश्ताक अहमद ने इस बारे में कहा कि दोनों ही मामलों में छात्रों की मार्कशीट में टाइपिंग एरर के कारण गलती हुई हैं। इन गलतियों को ठीक करने के बाद दोनों छात्रों को नई मार्कशीट बनाकर दे दी गई है। मुश्ताक अहमद ने आगे कहा कि यह सिर्फ टाइपिंग एरर है, और कुछ नहीं।