बिहार के मुख्यमंत्री नीतीश कुमार ने स्वास्थ्य से जुड़ा एक अच्छा व बड़ा फैसला लिया है। इसके तहत अब बिहार के सबसे बेहतरीन अस्पतालों में से एक आइजीआइएमएस में कई बीमारियों का मुफ्त में इलाज संभव हो पायेगा। मुख्यमंत्री नीतीश कुमार के निर्देशों के अनुसार स्वास्थ्य विभाग ने इसकी पूरी तैयारी कर ली है। अगले महीने इसकी विधिवत घोषणा हो सकती है।
विभागीय सूत्रों के अनुसार बिहार में अब गरीब मरीज भी अपना इलाज आसानी से करा सकेंगे। ऐसे बच्चे, जिन्हें जन्म से ही गंभीर बीमारियां है, वे अब आईजीआईएमएस में अपना इलाज करा सकेंगे। खास बात यह है कि इलाज के लिए गरीबों को पैसे भी नहीं देने पड़ेंगे। यह इलाज राष्ट्रीय बाल सुरक्षा कार्यक्रम के तहत होगा। इसके तहत कई रोगों का इलाज किया जाएगा, जिसमें हृदय रोग, लिवर, न्यूरोलॉजी- न्यूरो सर्जरी, कैंसर, किडनी, टेढ़ा जबड़ा, कटे होंठ, टेढ़े हाथ-पैर समेत अन्य सभी बीमारियां शामिल है।
नीतीश कुमार : आईजीआईएमएस के कई डॉक्टर और आरबीएसके के पदाधिकारी मौजूद
इस संबंध में अस्पताल अधीक्षक डॉ. मनीष मंडल की अध्यक्षता में एक बैठक भी की गयी। बैठक में आईजीआईएमएस के कई डॉक्टर और आरबीएसके के पदाधिकारी मौजूद थे। बैठक के दौरान अधीक्षक ने बताया कि अलग-अलग बीमारियों की श्रेणी तैयार की गई है। उसमें भर्ती होने से लेकर जांच, सर्जरी, दवाइयों पर खर्च से लेकर अन्य उपकरणों के खर्च का आकलन किया गया। उसके अनुसार उस बीमारी में राशि रखने का प्रावधान किया गया। इसके लिए राशि आरबीएसके के तहत उपलब्ध होगी।
अधीक्षक का कहना है कि आयुष्मान भारत योजना के तहत कई बीमारियों में इलाज खर्च से बेहद कम राशि आवंटित की गयी है। इस कारण कई बार मरीजों को भी परेशानियों का सामना करना पड़ता है, लेकिन अब बच्चों के इलाज में कोई परेशानी नहीं होगी। इसके लिए अलग से राशि का प्रावधान किया गया है। इससे बच्चों का निःशुल्क इलाज संभव हो सकेगा। बच्चों के जिन बीमारीयों का इलाज होगा, उनमे हृदय रोग, लिवर, न्यूरोलॉजी- न्यूरो सर्जरी, कैंसर, किडनी, टेढ़ा जबड़ा, दंत रोग, कटे होंठ, हड्डी रोग, टेढ़े हाथ-पैर जैसे रोग शामिल हैं।