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Diesel buses Ban : शहरों में वाहनों के चलते वायु प्रदूषण की समस्या आम है। इसके चलते लोग बीमारी का शिकार होते हैं। बिहार की राजधानी पटना में वायु प्रदूषण नियंत्रित करने के लिए सरकार जरूरी कदम उठाने जा रही है।

राजधानी पटना में वायु प्रदूषण पर नियंत्रण के लिए पब्लिक ट्रांसपोर्ट परिवहन विभाग की तरफ से 1 अप्रैल से डीजल से चलने वाले ऑटो व बसों के परिचालन पर रोक लगाई जा चुकी है।

पाबंदी के बाद भी ये वाहन सड़कों पर दिखाई दे रहे थे, जिसके लिए शुक्रवार-शनिवार काे अभियान चलाकर करीब 200 डीजल ऑटो को जब्त किया गया। इन ऑटो चालकों से 5 हजार से लेकर 20 हजार रुपए तक जुर्माना भी वसूला गया। रविवार को भी 15 जगहों पर जांच अभियान चलाया गया है।

Diesel buses Ban

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Diesel buses Ban : पब्लिक ट्रांसपोर्ट को डीजलमुक्त करने का लक्ष्य

इन वाहनों को पूरी तरह से सीएनजी में कन्वर्ट किया जाएगा। मार्च 2023 तक पब्लिक ट्रांसपोर्ट को डीजलमुक्त करने का लक्ष्य है। राजधानी से लेकर प्रखंड स्तर तक सिर्फ सीएनजी बसें चलेंगी। परिवहन विभाग के अधिकारी के मुताबिक, निजी और सरकारी दोनों डीजल बसाें को इस वित्तीय वर्ष में सीएनजी में कन्वर्ट कर देना है। पटना नगर निगम, दानापुर नगर परिषद, खगौल और फुलवारीशरीफ में चलने वाली करीब 250 डीजल बसों को सीएनजी में कन्वर्ट किया जाएगा।

प्राइवेट बस मालिकों को सूचना दे दी गई है कि या ताे मिनी सीएनजी बस खरीदें या सीएनजी में कन्वर्ट करा लें। पॉल्यूशन कंट्रोल बोर्ड के विशेषज्ञों के मुताबिक, डीजल बसाें का परिचालन बंद होने के बाद शहर के एक्यूआई लेवल में कमी आएगी। डीजल बस से निकलने वाले कार्बन से संबंधित गैस से लोगों को राहत मिलेगी। डीजल जलने से उत्सर्जन होने वाले कार्बन डाइऑक्साइड और कार्बन मोनोऑक्साइड की हवा में मात्रा कम हो जाएगी।

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