Gorakhpur-Siliguri Greenfield Expressway : अगले तीन सालों में यानी साल 2025 तक भारतमाला परियोजना के तहत बिहार को नये ग्रीनफील्ड एक्सप्रेस-वे की सौगात मिलने वाली है। गोरखपुर से सिलीगुड़ी तक 520 किलोमीटर लंबे ग्रीनफील्ड एक्सप्रेस-वे के लिए उत्तर बिहार में सर्वे का काम शुरू हो गया है। बता दें कि एक्सप्रेस-वे बनने से दोनों शहरों के बीच की दूरी महज 6 घंटे में पूरी हो सकेगी।
यह एक्सप्रेसवे बिहार के 8 जिलों से होकर गुजरेगा। इसमें पूर्वी चंपारण, पश्चिमी चंपारण, शिवहर, सीतामढ़ी, मधुबनी, सुपौल, अररिया और किशनगंज से होकर गुजरेगा। इससे सूबे में आर्थिक विकास की रफ्तार में भी वृद्धि आयेगी। बिहार, उत्तर प्रदेश और पश्चिम बंगाल में इस ग्रीनफील्ड एक्सप्रेस-वे को एनएच 27 के समानांतर बनाया जा रहा है। इससे बिहार और नेपाल के लोगों के लिए पूर्वोत्तर भारत से लेकर दिल्ली और उत्तराखंड जाने में आसानी होगी।
Also Read : बिहार में बनेगा एक्सप्रेस-वे, डीपीआर तैयार
Gorakhpur-Siliguri Greenfield Expressway : यात्रा के दौरान हरियाली नजर आएगी
नेपाल की सीमा के पास बनने वाले इस एक्सप्रेसवे का सामरिक नजरिए से भी बड़ा महत्व है। यह एक्सप्रेसवे आबादी वाले क्षेत्रों से नहीं गुजरेगा। ग्रीनफील्ड एक्सप्रेसवे होने के चलते इसके आस-पास और बीच में पेड़-पौधे होंगे। यानी कि वाहन चालकों को इस रास्ते ये यात्रा के दौरान हरियाली नजर आएगी।
ग्रीनफील्ड एक्सप्रेसवे का सबसे ज्यादा हिस्सा बिहार में है। सूबे में इसकी लंबाई 416.2 किलोमीटर होगी, जबकि यूपी में 84.4 और पश्चिम बंगाल में 18.97 किलोमीटर है। अन्य सड़कों के मुकाबले इसमें एंट्री पॉइंट कम होंगे। यानी कि एक बार एक्सप्रेस-वे पर चढ़ने के बाद सीधे किसी प्रमुख शहर जाकर ही उतरेंगे। अन्य सड़कों के मुकाबले यह रोड सीधी होगी और ज्यादा मुड़ाव नहीं होंगे। बिहार में जिन जिलों से होकर यह गुजरेगा, वहां सामाजिक और आर्थिक विकास में इजाफा होगा।
मिली जानकारी के अनुसार गोरखपुर-सिलीगुड़ी एक्सप्रेस-वे के लिए पूर्वी चंपारण जिले में सर्वे का काम शुरू हो गया है। जिला मुख्यालय मोतिहारी समेत आठ प्रखंडों से होकर यह सड़क गुजरेगी। फिलहाल हरसिद्धि में सर्वे का काम चल रहा है। इसके बाद डीपीआर तैयार कर दिसंबर में टेंडर की प्रक्रिया शुरू होगी।