आबादी के दृष्टिकोण से तीसरा सबसे बड़ा राज्य होने के नाते बिहार का बाजार भी काफी बड़ा है, जिसे ध्यान में रखते हुए राज्य सरकार ने फैसला लिया है कि प्रदेश के तीन स्थानों पर बड़े स्तर के लॉजिस्टिक पार्क बनाए जायेंगे।
बिहार में बाजार और इंडस्ट्री की जरूरतों को पूरा करने के लिए लॉजिस्टिक पार्क का होना काफी जरूरी हो गया है। ऐसे में राज्य सरकार ने यह फैसला लिया है। इस बाबत राज्य सरकार लॉजिस्टिक नीति बनाने की तैयारी कर रही है। इससे राज्य में उद्योग और कारोबार के विकास में मदद मिलेगी। समय पर कच्चा माल पहुंचेगा और तैयार उत्पादों को भी बाजार तक पहुंचाने में सहूलियत होगी एवं लोगों के लिए रोजगार के अवसर मिलेंगे।
करीब 100 हेक्टेयर जमीन पर लॉजिस्टिक पार्क बनाने की योजना
बताया जा रहा है कि बिहटा में करीब 100 हेक्टेयर जमीन पर लॉजिस्टिक पार्क बनाने की योजना है। इसके लिए जमीन भी चिह्नित की गयी है, लेकिन औपचारिक प्रक्रिया पूरी होनी बाकी है। यह राजधानी पटना के पश्चिम दिशा में है। इसी तरह राजधानी पटना के पूरब दिशा में फतुहा में भी लॉजिस्टिक पार्क बनाने की योजना है। इन दोनों स्थानों से पटना एयरपोर्ट की कनेक्टिविटी नजदीक रहने के कारण भी इनका चयन किया गया है। इसी तरह रक्सौल के पास इनलैंड पोर्ट होने, वहां से नेपाल की कनेक्टिविटी होने सहित रक्सौल से हल्दिया तक प्रस्तावित एक्सप्रेस-वे बनने के कारण रक्सौल में भी लॉजिस्टिक पार्क बनाने की योजना है।
बता दें कि लॉजिस्टिक पार्क में वस्तुओं के रखने के लिए कोल्ड स्टोरेज के साथ अन्य सुविधाएं भी होती है। देश के दूसरे हिस्से से सामान लाकर उसे पार्क में रखा जाता है और जरूरत के अनुसार उसकी सप्लाइ स्थानीय स्तर पर की जाती है। इससे सामान के आवागमन पर आने वाले खर्च में बचत होती है साथ ही वस्तुओं की कीमत भी कम हो जाती है। इस पार्क में वाहनों की मरम्मत और पार्किंग के लिए गैराज के साथ मैकेनिक की सुविधा, ट्रक डाइवर, हेल्पर और श्रमिकों के ठहरने के लिए विश्राम स्थल और खान-पान के लिए रेस्टोरेंट और ढाबे की भी सुविधा हाेती है। इसके बनने के बाद बड़ी संख्या में रोजगार उपलब्ध होंगे।