गांधी सेतु के लिए लोगों का इंतजार अब खत्म होने वाला है। सेतु बनकर तैयार है और आगामी 7 जून को इसके उद्घाटन की खबरें मिल रही हैं। अब आम लोगों को न जाम की परेशानी होगी और न समय की। महज 15 मिनट में अब लोग हाजीपुर से पटना का सफर तय कर पाएंगे।
बता दें कि कुछ समय पहले तक गांधी सेतु की हालत काफी जर्जर थी, जिसकी मरम्मती का काम लंबे समय से चल रहा था। इसकी पश्चिमी लेन को शुरू किया गया था। अब महात्मा गांधी सेतु की पूर्वी लेन भी बनकर तैयार है। इसके रंग रोगन का काम किया जा रहा है, ताकि इसे उद्घाटन के लिए सजाया जा सके।
पुल के उद्घाटन की तारीख और मुहूर्त निर्धारित कर दी गई है। सब कुछ ठीक रहा तो केंद्रीय सड़क परिवहन मंत्री नितिन गडकरी हाजीपुर से पटना आने वाले लेन का उद्घाटन करेंगे। मालूम हो कि पश्चिमी लेन की तरह ही पूर्वी लाने से 7 जून 2022 को अप और डाउन लेन से गाड़ियों का परिचालन शुरु हो जाएगा। इसके साथ ही इस पुल पर चलने वाले अपनी गाड़ी 80 किलोमीटर प्रतिघंटे की स्पीड से दौड़ सकेंगी।
उद्घाटन और परिचालन शुरू होने बाद पूर्वी लेन से पटना की दूरी महज 15 मिनट की होगी। लगभग साढ़े पांच किलामीटर लंबे पुल पर 80 किलोमीटर की रफ्तार में लोगों को 15 मिनट का वक्त लगने वाला है। उद्घाटन से पहले ही बिहार के पथ निर्माण मंत्री नीतिन नवीन दल-बल के साथ इस पुल का जायजा ले चुके हैं। अब इस पुल पर 80 किलोमीटर की रफ्तार से गाड़ियां दौड़ने वाली हैं।

बिहार की लाइफ लाइन महात्मा गांधी सेतु
इस पुल को तैयार करते वक्त इस बात का ध्यान रखा गया है कि लोगों को इस पुल पर सफर करने में परेशानी न हो। रफ्तार बरकरार रहे और दुर्घटनाएं भी न हों। इसके लिए बिहार की लाइफ लाइन कहे जाने वाले महात्मा गांधी सेतु पर पैदल चलने वालों और साइकिल से चलने वालों के लिए अलग से लेन बनाया गया है, जिससे वे सुरक्षित होंगे और मुख्य सड़क पर चलने वाली गाड़ियों को उचित रफ्तार मिल सकेगी।
महात्मा गांधी सेतु के दोनों लेन लंबे समय के बाद शुरू होने जा रहे हैं। गांधी सेतु के जर्जर हो जाने के बाद नवंबर 2016 में निर्माण एजेंसी ने जीर्ण-शीर्ण संरचना को ठीक करने का काम शुरू किया था। दोनों लेन को सुपर स्ट्रक्चर बनाने का काम 42 महीने में पूरा करना था। पुल को मार्च 2020 तक शुरू हो जाना था, लेकिन देरी से ही सही गांधी सेतु पर एक बार फिर लोगों के लिए तैयार है।
उत्तर बिहार की लाइफलाइन यह महात्मा गांधी सेतु सभी तरह के वाहनों के लिए उचित है। इसकी टेस्टिंग पूरी कर ली गई है। पुनर्निर्माण के बाद गाड़ियों के परिचालन शुरू होने से पहले पिछले दिनों टेक्निकल ट्रायल में पास हो गया था। तकनीकी दल ने मानकों की जांच के बाद पुल पर सभी तरह के भारी वाहनों के परिचालन की अनुमति दे दी है।