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अब होगी बिहार में सेब की खेती जी हां आपने बिलकुल सही पढ़ा। अब बिहार में सेब की खेती होगी। पायलट प्रोजेक्ट के तौर पर 7 जिलों में सेब की खेती की जायेगी। राज्य में सेब की खेती की संभावना के मद्देनजर कृषि विभाग ने इस योजना का आगाज किया है।

ऐसा हिमाचल प्रदेश के किसान हरिमन शर्मा के प्रयास से हुआ है। उन्होंने सेब की ऐसी प्रजाति विकसित की है, जो गर्म प्रदेशों में भरपूर फल देंगे। नव अन्वेषित प्रजाति हरमन 99 सेब की खेती की संभावना को देखते हुए कृषि विभाग ने पायलट प्रोजेक्ट के तौर पर 7 जिलों में सेब की खेती की योजना शुरू की है।

विशेष उद्यानिक फसल योजना के तहत 10 हेक्टेयर भूमि पर सेब की खेती कराने का लक्ष्य निर्धारित किया गया है। इसमें से वैशाली, बेगूसराय और भागलपुर में 2-2 हेक्टेयर जबकि मुजफ्फरपुर, औरंगाबाद, कटिहार और समस्तीपुर में एक-एक हेक्टेयर में खेती के लिए किसानों से 15 जनवरी तक आवेदन मांगा गया है। सेब की खेती की लागत इकाई प्रति हेक्टेयर 2 लाख 46 हजार 250 रुपए हैं।

जलवायु :

बिहार के मौसम की बात करें तो यहां बेहतर फल के लिए 8 घंटे धूप जरूरी है। इससे फल का रंग तो अच्छा होगा ही और साथ ही बीमारी से बचाव भी। विशेषज्ञों की माने तो सेब के पौधे को फंगस से बचाना होगा। स्वाद के मामले में हरा पीला कलर वाले HRMN-99 खट्टा मीठा स्वादिष्ट होता है।

बिहार में सेब की खेती

बिहार के लिए HRMN-99 सहित 5 वेराइटी है उपयुक्त

ये तो लगभग सब जानते हैं कि सेब की खेती पहाड़ी व ठंडे इलाकों जैसे जम्मू कश्मीर और हिमाचल प्रदेश में अधिक होती है, लेकिन हरिमन 99, एना, डोरसेट गोल्डन, माइकल और ट्रिपिकल स्वीट्स जैसी वेराइटी 40 से 50 डिग्री सेंटीग्रेड तापमान सह कर फल देता है। 15 नवंबर से 15 फरवरी पौधे लगाने का उपयुक्त समय है। पौधे लगने के दो वर्ष बाद इसमें फूल आते हैं। दिसंबर और जनवरी में फूल लगते हैं और मई व जून में फल तैयार हो जाते हैं। 5 साल बाद सेब के पेड़ में अधिक फल आते हैं। मई और जून में फल बाजार में इसकी कीमत 200 रुपए प्रति किलो तक मिलेगी।

अब होगी बिहार में सेब की खेती

वैशाली के देसरी में सेब की खेती के लिए उत्सुक किसानों को सेंटर ऑफ एक्सीलेंस की तरफ से दी जाएगी ट्रेनिंग सेब की खेती के लिए चुने गए किसानों को वैशाली के देसरी सेंटर ऑफ एक्सीलेंस में ट्रेनिंग दी जाएगी। इस प्रशिक्षण के दौरान किसानों को हिमाचल प्रदेश से हरिमन 99 वेराइटी का पौधा दिलाया जाएगा। प्रशिक्षण सहित एक पौधे की लागत लगभग 200 रुपए होंगे। सेंटर ऑफ एक्सीलेंस के सहायक निदेशक उद्यान प्रशांत झा ने बताया कि हिमाचल से पौधे मंगाए गए हैं। किसानों को प्रशिक्षण भी हिमाचल प्रदेश से आए विशेषज्ञ ही देंगे।

बिहार में सेब की खेती

15 जनवरी तक कर सकते हैं आवेदन


इस ट्रेनिंग को लेने वाले उत्सुक किसान 15 जनवरीतक ऑनलाइन आवेदन कर सकते हैं। वे horticulture.bihar.gov.in पर जाकर इसके लिए आवेदन कर सकते हैं। इससे संबंधित विशेष जानकारी जिला के सहायक निदेशक उद्यान से ली जा सकती है।

गौरतलब है कि कुछ किसानों की सेब की खेती की सफलता के बाद राज्य में इसकी खेती कराने का निर्णय लिया गया है। सेब की खेती किसानों की आय बढ़ाने में भी मददगार साबित होगी।

एक हेक्टयर की खेती पर एक लाख 23 हजार 125 रुपये का मिलेगा अनुदान

उद्यान विभाग के अनुसार, एक हेक्टेयर सेब की खेती पर दो लाख 46 हजार 250 रुपये की लागत आयेगी। इसमें किसानों को लागत का 50 प्रतिशत यानी एक लाख 23 हजार 125 रुपये का अनुदान मिलेगा। पहली किश्त का अनुदान 60 प्रतिशत के अनुसार 73 हजार 875 रुपये, दूसरी किश्त में 20 प्रतिशत के अनुसार 24 हजार 625 रुपये, तीसरी किश्त 20 प्रतिशत के अनुसार 24 हजार 625 रुपये मिलेंगे।

बिहार में सेब का बाग:पायलट प्रोजेक्ट के तौर पर 7 जिलों में सेब की खेती की योजना शुरू, प्रति एकड़ में लागत करीब 55 हजार रुपए
हाजीपुरएक महीने पहलेलेखक: ज्योति कुमार निराला
पायलट प्रोजेक्ट के तौर पर 7 जिलों में सेब की खेती की योजना शुरू, प्रति एकड़ में लागत करीब 55 हजार रुपए|हाजीपुर (वैशाली),Hajipur (Vaishali) – Dainik Bhaskar
कृषि विभाग ने 7 जिलों में सेब की खेती की योजना शुरू की।
बिहार में सेब का बाग। अचरज नहीं यह हकीकत है। केला के लिए प्रसिद्ध जिला वैशाली समेत बिहार के कुल सात जिलों में इसके पौधे लगाए गए हैं। ऐसा हिमाचल प्रदेश के ही किसान हरिमन शर्मा के प्रयास से हुआ है। उन्होंने सेब की ऐसी प्रजाति विकसित की है, जो गर्म प्रदेशों में भरपूर फल देंगे। नव अन्वेषित प्रजाति हरमन 99 सेब की खेती की संभावना को देखते हुए कृषि विभाग ने पायलट प्रोजेक्ट के तौर पर 7 जिलों में सेब की खेती की योजना शुरू की है। इन जिलों में एक-एक हेक्टेयर में खेती कराई गई है। प्रति एकड़ सेब की खेती में लागत करीब 55 हजार रुपए आती है।

जिला उद्यान विभाग आवेदन लेकर किसानों को सेब के पौधे के लिए पंजीकृत किया था। किसानों को प्रशिक्षण के बाद 220 रुपये प्रति पौधा उपलब्ध कराया है। सहायक उद्यान पदाधिकारी ओमप्रकाश मिश्रा के अनुसार जिले में पायलट प्रोजेक्ट के तहत फिलहाल 5 एकड़ में सेब की खेती शुरू कराई गई है।

हाजीपुर के इस्माईलपुर गांव के अमोद कुमार, हाजीपुर सदर के दयालपुर गांव के कृष्ण वल्लभ, बिदुपुर सहदुल्लाहपुर गांव के इंद्रेश कुमार, बिदुपुर रहिमापुर गांव के दिनेश कुमार, जंदाहा प्रखंड के नारी खुर्द गांव के नवीन कुमार, जंदाहा के ही जसपरहा गांव के मुकेश कुमार, राजापाकड़ प्रखंड के बैकुंठपुर गांव के किसान अरविंद कुमार, भगवानपुर के बांथू गांव के चंद्रभूषण, पातेपुर के चकजादो गांव के सुशील सुंदरम व वैशाली के राहिमपुर गांव के दिनेश सिंह ने सेब की फसल लगाई है।

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