बिहार (Bihar) में सरकार ने बेसहारा बुजुर्गों के लिए एक नया फैसला लिया है। मुख्यमंत्री वृद्धजन आश्रय स्थल योजना के तहत राज्य के सभी जिलों में दो-दो वृद्धाश्रम खोले जाएंगे। सबसे बड़ी बात यह है कि निजी एजेंसियों की जगह सरकार खुद इनका संचालन करेगी। सरकार का यह फैसला काफी महत्वपूर्ण और सराहनीय है। इससे वृद्धा आश्रम (Old Age Home) में व्यवस्था पर सकारात्मक प्रभाव पड़ेगा। आपकी जानकारी के लिए बता दें कि कानूनी रूप से आश्रय या सुधार गृह में रहें वाले बच्चों, महिलाओं और शिशुओं के लिए जो भी व्यवस्था की गई है, उनमें ज्यादातर संचालन निजी एजेंसियों द्वारा ही किया जाता है।
बिहार (Bihar) में इस योजना को सुचारू रूप से चलाने के लिए कई विभाग के साथ मिलकर काम करेंगे। इसकी पहल शुरू कर दी गई है। वृद्धाश्रम के लिए जमीन की तलाश भी शुरू हो गई है। इसके लिए विभिन्न विभागों की बैठक भी हुई थी। पहले हर जिले में वृद्धाश्रम के लिए जगह चिन्हित होगी उसके बाद भवन निर्माण विभाग द्वारा इस का काम शुरू किया जाएगा। वृद्धाश्रम का संचालन नगर विकास एंव आवास विभाग और समाज कल्याण विभाग मिलकर करेगा।
3800 बेसहारा बुजुर्गों को मिलेगा सहारा
मुख्यमंत्री वृद्धजन आश्रय स्थल योजना के तहत बिहार (Bihar) के सभी 38 जिलों व 101अनुमंडलों में 6950 बेड वाले 139 वृद्ध आश्रम बनाने की योजना को कैबिनेट से मंजूरी मिल चुकी है। इसके पहले चरण में 76 वृद्धाश्रम बनाए जाएंगे। इसके निर्माण से 3800 बेसहारा बुजुर्गों को रहने के लिए जगह मिलेगी। इसके दूसरे चरण में बाकी बचे 63 वर्द्धाश्रमों का निर्माण पूरा होगा। इनके संचालन के लिए पहले निजी एजेंसियों की सहायता ली जानी थी। इसके लिए निविदा भी आमंत्रित की गई थी, लेकिन बाद में उसे रद्द कर दिया गया।