सेना में भर्ती के लिए केंद्र सरकार की अग्निपथ योजना के खिलाफ उग्र विरोध प्रदर्शन को देखते हुए केंद्रीय गृह मंत्रालय ने बिहार के 12 भाजपा नेताओं को सीआरपीएफ की सुरक्षा दी है। इन नेताओं में प्रदेश भाजपा अध्यक्ष डॉ. संजय जायसवाल, दोनों डिप्टी सीएम तार किशोर प्रसाद और रेणु देवी, बीजेपी के फायर ब्रांड विधायक हरि भूषण ठाकुर, दरभंगा से बीजेपी विधायक संजय सरावगी, दीघा से विधायक संजीव चौरसिया, दरभंगा सांसद गोपाल जी ठाकुर, बीजेपी एमएलसी अशोक अग्रवाल और बीजेपी एमएलसी दिलीप जयसवाल शामिल हैं। CRPF के 12 जवान इनकी सुरक्षा में ऐनात रहेंगे। बिस्फी के विधायक हरिभूषण ठाकुर ने इसकी पुष्टि की है।
मिली जानकारी के अनुसार अग्निपथ आंदोलन के दौरान जिस तरीके से शुक्रवार को बेतिया में भाजपा प्रदेश अध्यक्ष डॉ. संजय जायसवाल और उपमुख्यमंत्री रेणु देवी के आवास पर उग्र प्रदर्शनकारियों द्वारा हमला किया गया, उसके बाद ही केंद्र सरकार ने भाजपा नेताओं की सुरक्षा बढ़ाने का फैसला लिया है।
गौरतलब है कि डॉ. संजय जायसवाल ने शनिवार को एक पत्रकार सम्मेलन कर नीतीश कुमार सरकार पर हमला बोला और आरोप लगाया कि अग्निपथ आंदोलन के दौरान बिहार में चुन-चुनकर केवल भारतीय जनता पार्टी के नेताओं को टारगेट किया जा रहा है और उनके आवास पर हमला बोला जा रहा है।
अग्निपथ योजना : पुलिस ने उग्र छात्रों पर ना तो लाठीचार्ज किया और ना ही कोई कार्रवाई
बीजेपी प्रदेश अध्यक्ष ने आरोप लगाया कि भाजपा के नेताओं को जब भीड़ टारगेट करती है, तब मौके पर मौजूद पुलिस चुप बैठी रहती है। पुलिस उग्र नौजवानों को रोकने की कोशिश ही नहीं करती है। जयसवाल ने आरोप लगाया कि पुलिस ने उग्र छात्रों पर ना तो लाठीचार्ज किया और ना ही कोई कार्रवाई की, जिसकी वजह से बीजेपी के कई नेताओं के आवास और कई पार्टी कार्यालय को आंदोलन के दौरान आग के हवाले कर दिया गया।
वहीं, जनता दल यूनाइटेड के नेता उपेंद्र कुशवाहा ने कहा कि संजय जायसवाल के बयान पर ज्यादा तवज्जो देने की जरूरत नहीं है। कुशवाहा ने कहा कि वह अनर्गल बयानबाजी करते रहते हैं। बीजेपी नेताओं को केंद्रीय अर्द्ध सैनिक बल की सुरक्षा देने से ये साफ लग रहा है कि बिहार सरकार की पुलिस पर उन्हें अब भरोसा नहीं रहा, क्योंकि उनकी सुरक्षा में पहले से ही बिहार पुलिस तैनात है। यही नहीं बीजेपी के राज्य कार्यालय पर भी सुरक्षा बढ़ा दी गई है. बिहार पुलिस के साथ-साथ वहां अर्द्धसैनिक बल भी तैनात किए गए हैं।
गौरतलब है कि बिहार में अग्निपथ योजना के विरोध में लगातार हिंसक प्रदर्शन हो रहे हैं। राज्य में अब तक हिंसक प्रदर्शन करने वालों के खिलाफ 138 एफआईआर दर्ज की गई है और साथ ही 718 लोगों को गिरफ्तार भी किया गया है। बिहार के एडीजी लॉ एंड ऑर्डर संजय सिंह ने बताया कि सीसीटीवी फुटेज और वीडियो फुटेज के आधार हिंसा करने वालो की पहचान की जा रही है।
बिहार सरकार ने अग्निपथ के विरोध में हिंसक प्रदर्शनों को देखते हुए 15 जिलों में इंटरनेट सेवा 19 जून तक बंद कर दी है।