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Raxaul-Kathmandu New Railway Line : बिहार और पड़ोसी देश नेपाल के बीच व्यवसायिक और सामाजिक संबंध भी हैं। बिहार से नेपाल के बीच कनेक्टिविटी को लगातार बेहतर करने के प्रयास हो रहे हैं। हाल ही में जयनगर और कुर्था रेल रूट शुरू हुआ है, जिसके बाद अब बिहार से नेपाल के बीच एक और रेल रूट बनने जा रहा है। प. चंपारण के रक्सौल से लेकर काठमांडू तक इस रेल लाइन का निर्माण किया जाएगा। इसके लिए तीसरे चरण के सर्वे का काम चल रहा है। वहीं हाल ही में मधुबनी जिले के जयनगर से लेकर कुर्था के बीच ट्रेन सेवा का बड़ी संख्या में यात्री लाभ उठछा रहे हैं। इस रास्ते से काफी कम किराए में लोग बिहार से नेपाल की यात्रा कर पा रहे हैं।

Raxaul-Kathmandu New Railway Line

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Raxaul-Kathmandu New Railway Line : परियोजना में 16 हजार 550 करोड़ रुपये खर्च होंगे

मिली जानकारी के अनुसार बिहार के रक्सौल से नेपाल के काठमांडू तक रेल लाइन परियोजना में 16 हजार 550 करोड़ रुपये खर्च होंगे। इस रेलवे लाइन में कुल 13 स्टेशनों का प्रावधान है. जिसमें रक्सौल, बीरगंज, बगही, पिपरा, धूमरवाना, काकड़ी, चंद्रपुर, धीयाल, शिखरपुर, सिसनेरी, सथिकेल और काठमांडू है। इसके साथ ही 136 किलोमीटर लंबाई वाली रेल लाइन में 32 रोड ओवरब्रिज, 39 छोटी-बड़ी सुरंगें, 41 बड़े रेल पुल, 53 अंडरपास, 259 छोटे पुल भी होंगे। इन सब की कुल लंबाई 41.87 किलोमीटर है।

बता दें कि रक्सौल से काठमांडू अगर सड़क मार्ग से जाएगें तो करीब 150 किलोमीटर की दूरी तय करनी होगी। अब ट्रेन सेवा बहाल होने के बाद यह दूरी घटकर करीब 136 किलोमीटर हो जाएगी। मौजूदा हालात में नेपाल जाने के लिए निजी वाहन या बस की ही सुविधा है। रक्सौल से काठमांडू तक का बस का किराया करीब 600 रुपये (भारतीय मुद्रा) है। वहीं ट्रेन के टिकट की बात की जाए तो ज़्यादा से ज़्यादा 200 रुपये का टिकट होने की उम्मीद जताई जा रही है। पहले रक्सौल से काठमांडू तक जाने में क़रीब छह घंटे का सफर तय करना होता था, लेकिन ट्रेन से सफ़र करने पर छह घंटे की बजाए सिर्फ़ दो से ढाई घंटे ही लगेंगे।

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