NDTV द्वारा एक article में कहा गया था की अब मकान रेंट पर भी 18% देना होगा GST, लेकिन कुछ ऐसे क्षेत्र हैं जहां आपको GST देना होता है। जिसे सरकारी प्रेस एजेन्सी ने सिरे से ख़ारिज करते हुए इसे ग़लत बताया है। तो चलिए जानते है क्या इस खबर के पीछे पूरा सच क्या इससे मकान मालिक को घबराने की ज़रूरत है या नहीं।
किराये के मकान में रहने वाले लोगों पर क्या 18 फीसदी की दर से जीएसटी पर टैक्स लगेगा, इस पर सरकार ने अहम स्पष्टीकरण जारी किया है। सरकार ने स्पष्ट किया है कि किराए पर रहने वाले सभी लोगों को जीएसटी नहीं देना होगा।
इसके तहत केवल उन लोगों को किराए पर 18 फीसदी जीएसटी देना होगा, जिन्होंने अपनी रेजिडेंशियल प्रॉपर्टी को किसी बिजनेस इकाई को किराए पर दे रखा है। जीएसटी के नए नियम 18 जुलाई से लागू कर दिए गए हैं।
Claim: 18% GST on house rent for tenants #PibFactCheck
▶️Renting of residential unit taxable only when it is rented to business entity
▶️No GST when it is rented to private person for personal use
▶️No GST even if proprietor or partner of firm rents residence for personal use pic.twitter.com/3ncVSjkKxP— PIB Fact Check (@PIBFactCheck) August 12, 2022
इन लोगों को नहीं देना होगा जीएसटी
सरकार के प्रेस इन्फॉर्मेशन ब्यूरो (PIB)के फैक्ट चेक के अनुसार, अगर कोई प्रॉपर्टी किसी व्यक्ति को निजी इस्तेमाल के लिए किराए पर दी गई है तो उस पर जीएसटी लागू नहीं होगा।
इसी तरह अगर कोई पार्टनरशिप फर्म या प्रोपराइटर किसी रेजिडेंशियल प्रॉपर्टी को निजी इस्तेमाल के लिए किराए पर देता है तो उस पर भी जीएसटी नहीं लगेगा।
लेकिन अगर कोई रेजिडेंशियल प्रॉपर्टी किसी बिजनेस करने वाली इकाई को दी जाती है, तो उस पर जीएसटी लागू होगा।
पहले क्या नियम थे
18 जुलाई से नए नियम लागू होने से पहले कॉमर्शियल प्रॉपर्टी जैसे कि ऑफिस या रिटेल प्रॉपर्टी को लीज पर देने पर ही जीएसटी लगता था। यानी रेजिडेंशियल प्रॉपर्टी को चाहे कोई कॉरपोरेट हाउस किराये पर ले कोई सामान्य किरायेदार, इस पर कोई जीएसटी नहीं लगता था। नए नियम के मुताबिक, जीएसटी रजिस्टर्ड किरायेदार को रिवर्स चार्ज मैकेनिज्म के तहत टैक्स भरना होगा। वह इनपुट टैक्स क्रेडिट के तहत डिडक्शन दिखाकर जीएसटी क्लेम कर सकता है.