दक्षिण कोरिया कम जनसंख्या दर की दिक्कतों का सामना कर रहा है। इसके चलते सरकार लोगों को अधिक बच्चे पैदा करने को प्रोत्साहित करने के लिए नई नीति लेकर आई है। कम फर्टिलिटी रेट इश्यू से निपटने और अधिक बच्चे पैदा करने को प्रोत्साहित करने के लिए दक्षिण कोरिया बच्चों के जन्म पर परिवार को 10 लाख वॉन (740 डॉलर- 58.86 हजार) देगी।
न्यूज एजेंसी ब्लूमबर्ग के मुताबिक इस हफ्ते बजट में दक्षिण कोरिया सरकार ने इसे लेकर प्रावधान किया है। सके तहत अगले साल से बच्चे के जन्म पर परिवार को पहले हर महीने 7 लाख वॉन दिए जाएंगे और फिर वर्ष 2024 में इसे बढ़ाकर 10 लाख वॉन किया जाएगा। जब बच्चा एक साल का हो जाएगा तो परिवार को मिलने वाला भत्ता आधा हो जाएगा और इसे एक और साल तक दिया जाएगा।
बच्चे के जन्म पर परिवार को हर महीने मिलने वाले भत्ता दिए जाने के प्रावधान को ‘पैरेंट पे’ कहा जा रहा है। दक्षिण कोरिया के राष्ट्रपति यून सुक येओल (President Yoon Suk Yeol) ने चुनाव के दौरान प्रचार अभियान में कई वादे किए थे। इसमें से एक यह था कि उनकी सरकार देश में कम जन्म दर से निपटने के लिए बच्चे के जन्म पर दस लाख वॉन देगी। येओल ने दक्षिण कोरिया के डेमोग्राफिक आउटलुक को राष्ट्रीय आपदा कहा था। इससे पहले दक्षिण कोरिया में मून जे-इन की सरकार में बच्चे के जन्म पर पहले साल में हर महीने 3 लाख वॉन दिए जाते थे।
रिकॉर्ड निचले स्तर पर फर्टिलिटी रेट
दक्षिण कोरिया में फर्टिलिटी रेट पिछले साल 2021 में रिकॉर्ड निचले स्तर पर थी। स्टैटिस्टिक्स कोरिया द्वारा जारी किए गए 2021 में पैदा होने वालों के आंकड़ों के मुताबिक पिछले साल 2,66,600 बच्चों का जन्म हुआ था जो एक साल पहले के मुकाबले 11800 यानी 4.3 फीसदी कम था। हालांकि 35 साल से ऊपर की महिला के मामले में फर्टिलिटी रेट पिछले साल सालाना आधार पर बढ़ गई और चालीस साल से अधिक की उम्र में यह सबसे अधिक रही।
क्रूड बर्थ रेट यानी एक हजार की जनसंख्या पर जन्म लेने बच्चों की बात करें तो यह रिकॉर्ड निचले स्तर 5.1 पर फिसल गया। टोटल फर्टिलिटी सालाना आधार पर 3.4 फीसदी गिरकर 0.81 पर आ गया। यह अब तक का सबसे रिकॉर्ड निचला स्तर था और ओईसीडी (ऑर्गेनाइजेशन फॉर इकनॉमिक को-ऑपरेशन एंड डेवलपमेंट) के 38 सदस्य देशों में दक्षिण कोरिया अकेला ऐसा देश रहा जहां टोटल फर्टिलिटी रेट एक से नीचे रहा।
करीब 50 साल पहले सालाना 10 लाख बच्चों का जन्म
वर्ष 1970 तक दक्षिण कोरिया में सालाना 10 लाख के करीब बच्चे पैदा होते थे जब इसके आंकड़े जुटाना शुरू हुए। इसके बाद वर्ष 2001 में यह गिरकर 5 लाख पर आ गया और फिर अगले ही साल वर्ष 2002 में 4 लाख पर आ गया। वर्ष 2017 में यह 3 लाख और वर्ष 2020 में 2 लाख पर आ गया।