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अगर आप भी खाड़ी देशों में रहकर काम करते है तो आपके लिए ख़ुशी की खबर है। खाड़ी देशों से कामगारों के लिए अच्छी खबर निकलकर सामने आई है। दरअसल अरब देश की सरकार ने अब कामगारों को उनकी सैलेरी निर्धारित समय पर मिले इसकी व्यवस्था की है। अरब देश में कई देशों के लोग रहते है जैसे भारत ,पकिस्तान , बांग्लादेश इत्यादि। अपने देशों से दूर खाड़ी देशो में रहकर तरक्की की उम्मीद लिए लोग जीवन यापन भी करते है।

ऐसे में जब उन्हें समय पर उनकी तनख्वाह नहीं मिलती तो वे काफी परेशान हो जाते है। इसका प्रभाव उनके भौतिक जीवन पर तो पड़ता है साथ ही उनके सपने को उड़ान देने वाले पंख भी छोटे नज़र आते है। इसको लेकर अरब देश ने न सिर्फ अपने नागरिक बल्कि प्रवासी कामगारों के लिए भी एहम फैसला लिया है।

चलिए इससे पहले हम आपको बताते है की आखिर ये कामगार होता क्या है।

जब कोई भी व्यक्ति किसी संस्था ,किसी कंपनी में सैलेरी के बदले काम करता है उससे कामगार कहते है। कामगार एक छोटा मजदुर से लेकर एक बड़े कंपनी का एम्प्लॉय भी माना जाता था। सूत्रों की माने तो खाड़ी देशों में कई ऐसी कंपनी है जो कामगार को पेमेंट तो करती है लेकिन समए पर नहीं। ऐसे में मजदुर तबके के लोग बड़ी मुश्किल से अपना गुजरा कर पाते है। जिनको ध्यान में रखते हुए सऊदी मंत्रालय ने सख्त कदम उठाए है।

सऊदी Ministry of Human Resources and Social Development (MHRSD) के अनुसार जो भी कंपनी अपने कामगारों को समय पर उनका पेमेंट नहीं देगी वो क़ानूनी उलघन माना जाएगा। इसके लिए बाकायदा कामगार शिकायत भी दर्ज करा सकते है। शिकायत दर्ज होने के साथ ही उस कंपनी पर कार्रवाई की जायेगी। मंत्रालय के अनुसार किसी भी कामगार को अगर इससे जुडी परेशानी है तो उसकी शिकायत तुरंत दर्ज की जाए।

यह फैसला अन्य देशो के साथ भारतीयों के लिए भी इम्पॉटेंट है कैसे चलिए आपको बताते है । दरसअल प्रवासी भारतीयों की संख्या दुनिया में सबसे ज्यादा है जो दुनिया के अलग-अलग देशों में रह रहे हैं और ये ‘सबसे ज्यादा diversity and vitality वाले समुदायों में से एक है.

संयुक्त राष्ट्र ने बताया कि वर्ष 2020 में करीब 1.8 करोड़ भारतीय अपने देश से दूर दुनिया के अलग-अलग देशों में रहते हैं और इस मामले में यह दुनिया का सबसे बड़ा प्रवासी समूह है. संयुक्त राष्ट्र के अनुसार सबसे ज्यादा संख्या में प्रवासी भारतीय संयुक्त अरब अमीरात, अमेरिका और सऊदी अरब में रहते हैं. ऐसे में वहां के कामगारों के लिए लिया गया फैसला भारतीय प्रवासी जो अरब में रहकर जीवन का गुजर बसर कर रहे है उनके लिए महत्पूर्ण हो जाता है।

आपको बता दे की सऊदी अरब में कंपनियों में विदेशी कामगारों को रखा जाता है ताकि काम किया जा सके। वही सऊदी लॉजिस्टिक कंपनी के एक एक्जेक्युटिव अब्दुल मोहसीन का अनुमान है कि उनकी कंपनी में आधे से ज़्यादा वैसे सऊदी नागरिक नौकरी पर हैं जो बस नाम के लिए हैं.उन्होंने एक इंटरव्यू में कहा, ”मेरी कंपनी विदेशी कामगारों के बिना नहीं चल सकती है, क्योंकि कुछ ऐसे काम हैं जिन्हें सऊदी के लोग कर ही नहीं सकते हैं.

इसमें एक काम है ट्रक की ड्राइवरी.” ऐसे में कंपनियां विदेशी नागरिको को काम पर रखती है। अगर उन्हें समय पर पेमेंट न मिले तो ये विदेशी प्रवासी वहां से पलायन भी कर सकते है। जिससे अरब देशो को नुकसान का सामना भी करना पद सकता है। एक ये भी reson हो सकता है कामगारों के लिए मंत्रालय द्वारा नियम बनाय जाने का।

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