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Hajj 2023 : Hajj यात्रा मुस्लिम समुदाय के लिए बेहद खास होता है कई सारे लोग होते है जो हज पर साइकिल से ,बाइक से या पैदल ही अपने देश से हज यात्रा पर निकल जाते है। जैसा की भारत का रहने वाला शिहाब ,जो भारत से पैदल ही सऊदी मक्का मदीना के लिए निकला है। लेकिन पैदल हज यात्रा पर निकलने वाले सिर्फ शिहाब ही नहीं है बल्कि खालिद अब्दुल गफूर और जीशान भी है जो की पाकिस्तान के रहने वाले है .

भारतीय शहरी शिहाब चित्तूर हज के मुकद्दस सफर करने लिए पैदल रवाना हुए थे. जिनकी सोशल मीडिया पर कई वीडियोज आपको दिख जायेंगे . कुछ दिन पहले सोशल मीडिया के ज़रिए सुचना मिली थी की वो शिहाब ईरान पहुंच चुके हैं. वक्त-वक्त पर उनकी तस्वीरें सोशल मीडिया पर मिल जाती हैं. इस तरह करने वाले शिहाब अकेले नहीं हैं. बल्कि पाकिस्तान से भी इसी साल दो लोग हज के सफर पर पैदल निकले थे और अब वो सऊदी अरब पहुंच भी गए हैं.

चार महीने बारह दिन पैदल चलकर हज करने के इरादे से दो पाकिस्तानी सऊदी अरब पहुंच गए हैं. जानकारी के मुताबिक फैसलाबाद के रहने वाले खालिद अब्दुल गफूर और जीशान 2 दिसंबर, 2022 को हज करने के इरादे से पैदल निकले और चार महीने और बारह दिन के बाद सऊदी अरब की बोदर में दाखिल हो गए. इन दोनों ने हर रोज 30 किलोमीटर का सफर तय किया और सऊदी अरब में दाखिल हुए. हालांकि अभी-भी उनको सऊदी अरब के अंदर 1500 किलोमीटर का सफर तय करना है.

एक पाक मीडिया से बात करते हुए खालिद अब्दुल गफूर और जीशान ने खुशी जाहिर की और कहा कि हम अल्लाह के शुक्रगुजार हैं कि उन्होंने हमें हिम्मत और हौसला दिया और सऊदी अरब में दाखिल हो गए. अब हमारी मंजिल अल्लाह है और अल्लाह के रसूल (सल्लल्लाहु अलैहि वसल्लम) दरे अकदस है. खालिद और जीशान की हिम्मत और हौसले की तारीफ हर जगह हो रही है.

वही इस्लामी चंद्र कैलेंडर के मुताबिक, बारहवें और अंतिम महीने धू अल-हिज्जा के 8वें दिन से हज यात्रा शुरू होती है। इस साल हज यात्रा की शुरुआत 26 जून से हो रही है, जो कि 1 जुलाई तक चलेगी। पिछले 2 वर्षों में कोरोना के कारण हज यात्रा में कई तरह के प्रतिबंध लगाए गए। पिछले साल सऊदी अरब ने हज यात्रा के लिए विदेशी यात्रियों पर पाबंदी लगा दी थी, हालांकि मक्का मदीना में प्रतीकात्मक तौर पर हज यात्रा चली। इस वर्ष सऊदी अरब में इन प्रतिबंधों को हटा दिया है।

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