बुलेट ट्रेन : दिल्ली से वाराणसी और वाराणसी से हावड़ा के लिए अलग-अलग प्रोजेक्ट पर काम होना है। दोनों प्रोजेक्ट के लिए शुरुआती सर्वे का काम पूरा हो चुका है, हालांकि इसके नतीजे रेलवे ने फिलहाल सार्वजनिक नहीं किए हैं। इस वजह से उत्तर प्रदेश, बिहार, झारखंड और पश्चिम बंगाल के लोगों में जिज्ञासा बनी रहती है कि वे बुलेट ट्रेन का सफर कब से कर पाएंगे। रेल मंत्री अश्विनी वैष्णव ने अब इस बारे में स्थिति काफी हद तक साफ कर दी है।
दिल्ली से हावड़ा का रूट भारतीय रेल का सबसे व्यस्त मार्ग है। बिहार के रास्ते गुजरने वाले इस रूट पर बुलेट ट्रेन चलाने की भी योजना है। यह योजना दो हिस्सों में पूरी होनी है।
झारखंड में बुलेट ट्रेन का धनबाद से गुजरना तय
उत्तर प्रदेश में बुलेट ट्रेन का रूट लगभग क्लीयर माना जा रहा है। माना जा रहा है कि यह रूट आगरा, लखनऊ और कानपुर होकर वाराणसी पहुंचेगा। इसी तरह झारखंड में बुलेट ट्रेन का धनबाद से गुजरना तय माना जा रहा है, लेकिन बिहार में ट्रेन के रूट को लेकर संशय बरकरार है।
अलग-अलग मीडिया रिपोर्ट्स में बुलेट ट्रेन प्राेजेक्ट के गया या पटना के रास्ते गुजरने का दावा किया जाता रहा है। माना जा रहा है कि ये दोनों शहर एक रूट पर कवर नहीं हो सकते हैं। इसलिए प्राेजेक्ट इनमें से किसी एक शहर से होकर ही गुजरेगा। हालांकि, इस दिशा में रेलवे की ओर से आधिकारिक बयान आने के बाद ही पुख्ता तौर पर कुछ कहा जा सकता है।
रेल मंत्री अश्विनी वैष्णव ने कहा है कि देश में हाइ स्पीड रेल का पहला प्रोजेक्ट पूरा और सफल होने के बाद ही दूसरे किसी अन्य प्रोजेक्ट पर काम शुरू किया जाएगा। आपको बता दें कि फिलहाल अहमदाबाद से मुंबई के बीच बुलेट ट्रेन के प्रोजेक्ट पर काम चल रहा है। रेल मंत्री का कहना है कि इस रेलमार्ग पर काम पूरा होने के बाद ट्रेनों का संचालन शुरू करने के बाद इसका अध्ययन किया जाएगा। इसकी सफलता के आधार पर अन्य मार्गों पर बुलेट ट्रेन की योजना को गति दी जाएगी।