Civil Judge Exam 2022 : सतना के रहने वाले एक किसान पिता और मजदूर मां के बेटे ने सिविल जज बन कर मिसाल पेश की है। शिवाकांत कुशवाहा बेहद गरीब परिवार से ताल्लुक रखते हैं। इन्होंने सिविल जज बनकर सतना जिले का नाम रोशन कर दिया है।
सिविल जज बनने के इस सफर की शिवाकांत की कहानी भी बेहद अलग है। उन्होंने इस पद पर पहुंचने के लिए कोई कोचिंग नहीं ली, बल्कि खुद सेपढ़ कर ही ये मुकाम हासिल किया है। उन्होंने ओबीसी वर्ग में पूरे मध्य प्रदेश में दूसरी रैंक हासिल की है। सिविल जज बनकर जब वे गांव गए तो उनका भव्य स्वागत किया गया।
Civil Judge Exam 2022 : चार बार सिविल जज की परीक्षा में बैठ चुके थे
इससे पहले शिवाकांत चार बार सिविल जज की परीक्षा में बैठ चुके थे, लेकिन उन्हें सफलता नहीं मिली थी। पांचवी और आखिरी बार में वे इस मुकाम को हासिल करने में कामयाब हो गए। इनके इस सफर की कहानी किसी को भी प्रेरित कर सकती है।
सिविल जज शिवकांत के पिता कुंजी लाल कुशवाहा अपनी छोटी सी जमीन पर सब्जियां उगाते हैं और बेचते हैं। इस कार्य में शिवकांत भी पिता की मदद करते थे। वे भी पिता के साथ सब्जियों के ठेले पर बैठते थे। दूसरी ओर, उनकी मां घर चलाने के लिए मजदूरी करती थीं। उनके निधन के बाद परिवार की हालत और खराब हो गई। शिवकांत के दो भाई और एक बहन है। शिवकांत को बचपन से ही पढ़ाई का शौक था। कहते हैं ना मंजिल चाहे जितनी भी कठिन क्यों ना हो, इंसान अगर सोच ले तो वो उसे हासिल कर ही लेता है। शिवकांत ने भी सोच लिया था कि वे परिवार की खराब आर्थिक स्थिति को अपनी पढ़ाई के रास्ते में आड़े नहीं आने देंगे। शिवकांत सीजन में गन्ने के जूस का ठेला भी लगाते थे।
इन परिस्थितियों में भी शिवाकांत ने हार नहीं मानी और लगातार पढ़ते रहे। उन्होंने प्रारंभिक शिक्षा, हाई स्कूल और हायर सेकंडरी की परीक्षा अमरपाटन के सरदार पटेल स्कूल से पास की। कॉलेज की पढ़ाई अमरपाटन के ही शासकीय कॉलेज में की। इसके बाद वे एलएलबी करने रीवा के ठाकुर रणमत सिंह महाविद्यालय आए। यहां उन्होंने पढ़ाई के साथ-साथ कोर्ट में प्रैक्टिस की और जज की तैयारी करने लगे।
चार बार सिविल जज की परीक्षा में असफल होने के बाद आखिरकार पांचवी और आखिरी बार में वे इस मुकाम को हासिल करने में कामयाब हो गए।