0Shares

Saptkranti Express : मुजफ्फरपुर से आनंद विहार के बीच संचालित होने वाली सप्तक्रांति सुपरफास्ट एक्सप्रेस के 20 पूरे हो गये हैं। इस उपलक्ष्य में शुक्रवार को मुजफ्फरपुर जंक्शन पर ट्रेन को फूलों की मालाओं से सजाया गया था। इस दौरान रेलवे के आला अधिकारीगण मौजूद थे। केक काट कर ट्रेन के 20 वर्ष पूरे होने का जश्न मनाया गया और फिर ट्रेन को रवाना किया गया। वहीं, मिठाई भी बांटी गई।

यह ट्रेन मुजफ्फरपुर- नरकटियागंज रेलखंड से दिल्ली के आनंद विहार तक चलती है। इस ट्रेन को एक जुलाई 2002 को तत्कालीन रेल मंत्री नीतीश कुमार ने मुजफ्फरपुर जंक्शन से हरी झंडी दिखाकर रवाना किया था। तब से अब तक यह ट्रेन मुजफ्फरपुर के अलावा चंपारण के यात्रियों को भी उनकी मंजिल तक पहुंचा रही है।

पूर्वी व पश्चिमी चंपारण के यात्रियों के लिए यह ट्रेन रोजी-रोटी, पढ़ाई समेत अन्य चीजों के लिए दिल्ली जाने वाले उत्तर बिहार के यात्रियों की यह ट्रेन पहली पसंद है। बेहतर मेटेनेंस के लिए इस ट्रेन को आईएसओ का भी दर्जा दिया गया है। 20 साल के दौरान मुजफ्फरपुर से चलने वाली नौ ट्रेनें बिहार के अलग-अलग स्टेशन भेज दी गई, लेकिन जिलावासियों की पसंद को ध्यान में रखते हुए रेलवे ने सप्तक्रांति को मुजफ्फरपुर से अलग नहीं किया।

Saptkranti Express

Also Read : Indian Railway : पटनावासियों के लिये भगवान राम के दर्शन हुए आसान, अयोध्या तक समर स्पेशल ट्रेन चलायेगा रेलवे, एक जुलाई से शुरू होगी यात्रा

Saptkranti Express : रैक से लेकर टाइमिंग में कई बार फेरबदल

पहले वैशाली, पवन, लिच्छवी, हरिहरनाथ, मौर्यध्वज व सद्भावना एक्सप्रेस भी मुजफ्फरपुर से खुलती थी। बाद में इन ट्रेनों को दूसरे स्टेशनों से चलाया जाने लगा। रेलवे बोर्ड से लेकर मुजफ्फरपुर स्थित रेलवे के क्षेत्रीय कार्यालय ने सप्तक्रांति एक्सप्रेस को भी बरौनी स्टेशन से चलाने की मंजूरी दे दी, लेकिन स्थानीय लोगों के आक्रोश को देखते हुए रेलवे को अपना फैसला बदलना पड़ा। इस ट्रेन की रैक से लेकर टाइमिंग में कई बार फेरबदल भी की गई।

सप्तक्रांति एक्सप्रेस मुजफ्फरपुर-मोतिहारी-नरकटियागंज रेलखंड रूट से चलने वाली पहली ट्रेन है। बड़ी लाइन बनने के बाद वर्ष 2,000 से इस रूट पर केवल मालगाड़ी चलती थी। सांसद राधामोहन सिंह ने मोतिहारी रूट से यात्री ट्रेन चलाने की मांग तत्कालीन रेल मंत्री नीतीश कुमार से की थी। तब छपरा-सीवान रूट से मुजफ्फरपुर से दिल्ली जाने वाली वैशाली एक्सप्रेस का परिचालन दो दिन के लिए मोतिहारी रूट से शुरू किया गया।

यह ट्रेन सप्ताह में दो दिन सीवान रूट से रद्द कर दी गई थी, जिसका सीवान के तत्कालीन सांसद व जनप्रतिनिधियों ने विरोध किया। आंदोलन के बाद रेलवे को वैशाली एक्सप्रेस को मोतिहारी रूट से परिचालन के निर्देश को रद्द करना पड़ा। इससे चंपारण के लोगों को दिल्ली जाने में मुश्किलों का सामना करना पड़ रहा था, जिसे देखते हुए नीतीश कुमार ने सप्तक्रांति एक्सप्रेस की सौगात दी थी। तब से आजतक यह ट्रेन पूर्वी चंपारण व पश्चिमी चंपारण समेत पूरे उत्तर बिहार की लोकप्रिय ट्रेन बनी हुई है।

Leave a comment

Your email address will not be published. Required fields are marked *