Tata Group : देश की सबसे बड़ी कंपनी की कमान अब सरकार ने जाने-माने उद्योगपत्ति रतन टाटा के हाथों में सौंप दी है। ओडिशा में स्थित नीलाचल इस्पात निगम लिमिटेड की जिम्मेदारी टाटा ग्रुप की एक फर्म को सौंपी गयी है। ज्ञात हो कि ये कंपनी काफी दिनो से घाटे में चल रही थी। निजीकरण के खिलाफ विरोध के बाद सरकार ने इस कंपनी को रतन टाटा को सौंप दिया है।
मिली जानकारी के अनुसार ये कंपनी काफी दिनों से घाटे में चल रही थी और यह प्लांट 30 मार्च, 2020 से ही बंद पड़ा है, लेकिन अब इस कंपनी के अच्छे दिन आने लगे हैं। गौरतलब है कि कंपनी को टाटा ग्रुप को सौंपने की की प्रक्रिया इसी महीने यानि जुलाई के मध्य में पूरी होगी। हाल ही में एक अधिकारी ने बताया था कि, टाटा स्टील की यूनिट टाटा स्टील लॉन्ग प्रोडक्ट्स ने इस वर्ष के शुरुआत में 12,100 करोड़ी की कीमत पर एनआईएनएल में 93% की हिस्सेदारी प्राप्त कर बोली जीत ली थी। रतन टाटा के हाथों में जाते ही नीलाचल इस्पात निगम लिमिटेड के अच्छे दिन शुरू हो गए।
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Tata Group : कंपनी को आने वाले तीन महीने में शुरू करने का लक्ष्य
टाटा स्टील के सीईओ तथा मैनेजिंग डायरेक्टर टीवी नरेंद्रन ने बताया कि नीलाचल इस्पात कंपनी को आने वाले तीन महीने में शुरू करने का लक्ष्य है। उन्होंने कहा कि, “हम रह रहे इम्प्लॉय के साथ वर्क करने तथा लगभग दो साल से बंद पड़ी इस कंपनी को फिर से चालू करने के लिए तैयार हैं। आने वाले तीन महीनों में फिर से उत्पादन शुरू करने और अगले एक साल में स्थापित क्षमता प्राप्त कर लेने की आशा है।
टाटा कंपनी ने जिंदल स्टील एंड पावर लिमिटेड, नलवा स्टील एंड पावर लिमिटेड जैसी कई कंपनियों को पीछे छोड़ते हुए ओडिशा की इस कंपनी की हिस्सेदारी जीती है। उड़ीसा में मौजूद नीलाचल इस्पात निगम लिमिटेड का कलिंगनगर, में 1.1 मीर्टिक टन वाला इंटीग्रेटेड स्टील प्लांट है।