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देश के मोटर व्हीकल एक्ट में टू-व्हीलर से संबंधित कुछ बदलाव हुए हैं, जिसके बाद दुपहिया वाहन चालकों को अब वाहन चलाते समय और सावधानी बरतनी पड़ेगी। केंद्र सरकार ने 1998 के मोटर व्हीकल एक्ट को अपडेट किया है, जिसके बाद यदि किसी राइडर ने ठीक से हेलमेट नहीं पहना हो, या उसका हेलमेट BIS मार्क्ड न हो, तो उस पर 2,000 रुपये तक का तत्काल जुर्माना लगाया जाएगा। इसमें और भी कई शर्ते रखी गई हैं, जिनके बारे में हम आपको नीचे बताने जा रहे हैं।

व्हीकल एक्ट

मोटर व्हीकल एक्ट (Motor Vehicles Act) में अब बाइक सवार के लिए हेलमेट को लेकर बड़ी और अहम शर्ते

Car&Bike के अनुसार, अपडेट किए गए मोटर व्हीकल एक्ट (Motor Vehicles Act) में अब बाइक सवार के लिए हेलमेट को लेकर बड़ी और अहम शर्ते लागू की गई हैं। इनमें से पहला है कि यदि राइडर ने हेलमेट लगाया है, लेकिन उसका बकल (गले में बांधने वाला फीता) खुला हुआ है, तो राइडर पर MVA की धारा 194D के तहत 1,000 रुपये का जुर्माना लगाया जाएगा।

इसके अलावा, यदि हेलमेट BIS (भारतीय मानक ब्यूरो) सर्टिफाइड नहीं है, तो राइडर को MVA की धारा 194D के तहत 1,000 रुपये का जुर्माना भरना होगा। इतना ही नहीं, यदि राइडर का हेलमेट डिफेक्टिव या फिर टूट हुआ है, तो भी ट्रैफिक पुलिस उसका 1000 रुपये का चालान काट सकती है। अन्य यातायात उल्लंघन, जैसे कि रेड लाइट जम्प करने पर भी हेलमेट पहनने के बावजूद 2,000 रुपये का भारी जुर्माना लगाया जाएगा।

यदि आप सोच रहे हैं कि BIS मार्क का क्या मतलब है, तो आपको बता दें कि यह एक तरह का सर्टिफिकेशन है, जो हेलमेट निर्माताओं को लेना पड़ता है। इसके अधीन आने वाले हेलमेट कई टेस्ट से गुजरते हैं और इससे यह साबित होता है कि हेलमेट मजबूत और सुरक्षित है। केंद्र सरकार ने दो वर्ष पहले भारतीय मानक ब्यूरो-प्रमाणित हेलमेट को अनिवार्य किया था। सरकार ने स्पष्ट किया था कि बिना BIS प्रमाणित हेलमेट को बनाना और उसकी बिक्री करना, दोनो ही अपराध होगा।

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