दिग्गज नेता आरसीपी सिंह ने जदयू की प्राथमिक सदस्यता से इस्तीफा दे दिया है। इससे पहले सुबह ही पार्टी ने उन पर भ्रष्टाचार का आरोप लगाया था और उन्हें नोटिस भेजकर जवाब मांगा था।
इस वक्त की बड़ी खबर पटना से है जो सियासी गलियारें से आ रही है। जेडीयू के पूर्व राष्ट्रीय अध्यक्ष आरसीपी सिंह ने पार्टी से इस्तीफा दे दिया है। पार्टी की प्राथमिक सदस्यता से इस्तीफा देने का ऐलान शनिवार को उन्होंने किया है।
आरसीपी सिंह ने चेतावनी देते हुए कहा कि जो लोग शीशे के घर में रहते हैं वो दूसरों के घर पर पत्थर नहीं फेंका करते। इससे पहले भी आरोप लगाये गये क्या कर लिए। आरसीपी सिंह ने यह तक कह दिया कि सात जन्मों में भी नीतीश कुमार प्रधानमंत्री नहीं बन पाएंगे। यह भी कहा कि जिसने नोटिस भेजा उसने मेरे नाम के बाद पूर्व केंद्रीय मंत्री लिखा हैं पूर्व राष्ट्रीय अध्यक्ष बोलने में उन्हें शर्म लग रही है क्या?
आरसीपी सिंह ने कहा कि जेडीयू डूबता हुआ जहाज है। उन्होंने कार्यकर्ताओं से कहा कि जेडीयू का झोला ढोने से कोई फायदा नहीं होने वाला। मेरी इमेज को जान-बुझकर खराब करने की कोशिश की जा रही है। जालसाज लोगों को अब यही सब काम बचा है।
JDU के पूर्व राष्ट्रीय अध्यक्ष आरसीपी सिंह को उनकी ही पार्टी की तरफ से नोटिस जारी कर यह पूछा गया था कि 2013-2022 के बीच इतनी संपत्ति उन्होंने कैसे बनाई? मीडिया के सवालों का जवाब देते हुए पूर्व केंद्रीय मंत्री आरसीपी सिंह ने बताया कि उनकी एक बेटी आईपीएस और दूसरी अधिवक्ता है। 2010 से ही दोनों बेटियां इनकम टैक्स रिटर्न दाखिल करती आ रही हैं। आरसीपी सिंह ने कहा कि उनके पिता भी सरकारी नौकरी में थे। उन्होंने अपनी पूरी संपत्ति हमारी दोनों बेटियों के नाम कर दी थी।
आरसीपी सिंह ने कहा कि जमीन की खरीद कई टुकड़े में हुई थी। कुछ मामला जमीन के बदले जमीन का भी है। शहर की तुलना में गांव की जमीन सस्ती होती है। जमीन खरीद में उनके बैंक अकाउंट से एक रुपये का भी लेन-देन नहीं हुआ है। हमारे ऊपर जो भी आरोप लगाये जा रहे हैं वो निराधार है।