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दैनिक भास्कर के अनुसार: बिहार में एक बार फिर JDU-BJP गठबंधन टूट सकता है। खबर है कि 11 अगस्त तक दोनों अलग हो सकते हैं और राज्य में फिर JDU और RJD की सरकार बन सकती है। मुख्यमंत्री नीतीश कुमार ने अपने सभी सांसद और विधायकों को अगले दो दिन में पटना पहुंचने को कहा है।

उधर, RJD भी इसी नक्शेकदम पर है। उसने सभी विधायकों को पटना में रहने के लिए कहा है। सूत्रों के मुताबिक, नीतीश ने सोनिया गांधी से टेलीफोन पर बात की। 11 अगस्त तक राज्य में नई सरकार बन सकती है। सूत्र यह भी बता रहे हैं कि मंगलवार को ही तेजस्वी यादव अपने सभी विधायकों के साथ बैठक करेंगे। हालांकि, सरकार के भविष्य को लेकर JDU नेताओं ने कोई आधिकारिक बात नहीं कही है।

सरकार संकट पर JDU सांसद का बड़ा बयान

दिल्ली में पत्रकारों से बातचीत में झंझारपुर के JDU सांसद रामप्रीत मंडल ने कहा कि बिहार की राजनीति में कुछ भी संभव है। ये टर्निंग पॉइंट है। हम लोगों के पहुंचने से पहले ही वहां कुछ भी हो सकता है। हमारे नेता नीतीश कुमार हैं, वो जो फैसला लेंगे वो मान्य होगा। इस बयान को लेकर माना जा रहा है कि NDA सरकार को लेकर नीतीश कुमार आज ही कुछ फैसला ले सकते हैं।

आरजेडी बोली- नीतीश बातचीत की पहल करते हैं तो हम तैयार हैं

इधर, राजद के राष्ट्रीय प्रवक्ता शिवानंद तिवारी ने भास्कर से बातचीत करते हुए ने कहा कि नीतीश कुमार राजद से बातचीत की पहल करते हैं तो हम तैयार हैं। आरजेडी के प्रदेशाध्यक्ष जगदानंद सिंह ने कहा कि BJP का 2 नंबर का बड़ा नेता पटना की सड़कों को अपवित्र कर के चला गया है। हम और अन्य क्षेत्रीय दल उसे पवित्र करने की कोशिश कर रहे हैं। ऑफर मिलने पर सरकार बनाने के सवाल पर उन्होंने कहा कि हम जनता के साथ हैं। जनता के हित के लिए और दंगाइयों की सरकार को रोकने के लिए हम हर कदम उठाने के लिए तैयार हैं।

2020 में कम सीटें मिलने के बाद भी मुख्यमंत्री बने थे नीतीश

2020 में नीतीश की पार्टी JDU की 28 सीटें घट गई थीं और वह 43 पर आ गई, जबकि BJP की 21 सीटें बढ़कर 74 पर पहुंच गई थीं। इसके बावजूद BJP ने नीतीश को मुख्यमंत्री बनाया था। NDA को 125 सीटें और महागठबंधन को 110 सीटें मिली थीं।

नीतीश भाजपा से क्यों हैं नाराज?

सूत्रों के मुताबिक, उन्हें सरकार चलाने में फ्री हैंड नहीं मिल रहा है। चिराग प्रकरण के बाद RCP प्रकरण से भी भाजपा से खफा हैं। बीते कुछ महीने में नीतीश ने कई अहम बैठकों से दूरी बनाई है। कुछ महीने पहले वे PM की कोरोना पर बुलाई गई बैठक से दूर रहे।

हाल में पूर्व राष्ट्रपति रामनाथ कोविंद के सम्मान में दिए गए भोज, राष्ट्रपति द्रौपदी मुर्मू के शपथ ग्रहण समारोह में भी नहीं गए। राज्य में बिहार के BJP नेताओं से भी नहीं मिल रहे हैं। CM लोकल स्तर पर कार्यक्रमों में शामिल तो हो रहे हैं, लेकिन BJP नेताओं से खुलकर ना तो बात कर रहे हैं ना ही उनसे मिल रहे हैं।

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