News : देश के गेहूं किसान इन दिनों काफी खुश दिखाई दे रहे हैं, गेहूं के फसल लेने वाले किसान पैसों से लबालब दिखाई दे रहे हैं। ऐसे में दशकों बाद भारत देश के गेंहू किसान खूब चांदी काट रहे हैं। उनकी जेब इस समय भरी हुई है। किसान बता रहे हैं काफी समय बाद उन्हें सरकारी कीमत यानी न्यूनतम समर्थन मूल्य (MSP एमएसपी) से ज्यादा कीमत मिल रही है।
News : किसान खुले बाजार में गेंहू बेच रहे
बस यही कारण है कि देश के ज्यादातर बड़े उत्पादक राज्यों की सरकारी मंडियों में गेहूं की खरीद की रफ्तार बहुत कम है, क्योंकि किसान खुले बाजार में गेंहू बेच रहे हैं। उत्तर प्रदेश और मध्य प्रदेश, गेहूं उत्पादन के मामले में दूसरे राज्यों से सबसे आगे हैं। इन दोनों राज्यों में ज्यादातर किसान सरकारी मंडी की बजाय बाहर व्यापारियों को उपज बेच रहे हैं।
यही वजह है कि उन्हें वे अच्छी कीमत दे रहे हैं। भारत में गेहूं का न्यूनतम समर्थन मूल्य (MSP) 2,015 रुपए प्रति क्विंटल है। जबकि बाजार में 2,200 रुपये से लेकर 2,500 रुपये प्रति क्विंटल के भाव पर शरबती किस्म का गेहूं खरीद कर किसानों को तुरंत भुगतान भी किया जा रहा है। गेहूं खरीदने को लेकर व्यापारियों के बीच ऐसी होड़ पहले कभी नहीं देखी गई है।
एमपी में पिछले विपणन सत्र के दौरान 1.76 लाख टन गेहूं निर्यात किया गया था, जबकि मौजूदा विपणन सत्र में पिछले एक महीने के भीतर ही करीब 2.5 लाख टन गेहूं निर्यात किया जा चुका है और अभी सत्र खत्म होने में काफी समय बाकी है। यूपी में पिछले वर्ष खुले बाजार में गेहूं की कीमत 1,500 रुपए प्रति क्विंटल के आसपास थी और सरकारी रेट 1,900 के करीब थी। लेकिन इस बार इसके ठीक उलट हो रहा। हमें सरकार मंडी से ज्यादा दाम तो बाहर व्यापारी दे रहे हैं। ऐसे में किसान अपना गेहूं बाहर बेच रहा।