Manoranjan Sahay : कोराेना महामारी के चलते हुए लॉकडाउन ने लोगों को तथा तरह की आदतें सीखा दी। कोई खाना पकाने, कोई सजावट करने तो कोई बागवानी करने में दिलचस्पी दिखाने लगा। आजकल हर किसी को घर में पेड़ पौधे लगाने का शौक है और होना भी चाहिए। पेड़ पौधे जीवन के लिए काफी महत्वपूर्ण हैं और आज के ज़माने में हमारे आस पास पेड़ पौधों का होना काफी आवश्यक है।
Manoranjan Sahay : टेरेस गार्डनिंग का क्रेज काफी बढ़ा
हाल के वर्षों में टेरेस गार्डनिंग का क्रेज काफी बढ़ा है। शरहों में लोगों के पास जमीन उपलब्ध नहीं होती तो छत पर ही लोग पेड़ पौधे उगा लेते हैं। ऐसे ही पटना के एक अवसर प्राप्त बैंक कर्मी मनोरंजन सहाय ने अपने घर की छत को मानो एक बागीचे में तब्दील कर दिया है। उन्होंने छत पर तरह-तरह के फूल पौधे लगाए हैं। इसके अलावा वे अपनी छत पर ही सब्जियां भी उगा रहे हैं। इस तरह बागवानी कर मनोरंजन सहाय दूसरों को पौधे बेचते भी हैं।
मनोरंजन सहाय बताते हैं कि उन्हें काफी पहले से बागवानी का शौक है। पहले वे अपना शौक पूरा करने के लिए थोड़ी बहुत गार्डनिंग करते थे, लेकिन अब उन्होंने अपनी छत को नर्सरी ही बना दिया है।
Manoranjan Sahay : छत पर 500 तरह के फल फूल और सब्जियों के पौधे
मनोरंजन सहाय ने छत पर 500 तरह के फल फूल और सब्जियों के पौधे लगाए हैं। शुरुआती दौर में उन्होंने छत पर गमले में बरगद, पीपल, पाकर और नीम के पौधे लगाये थे। आज के समय में भी उनके गार्डन में यह सभी पौधे मौजूद हैं और इनकी लंबाई एक-डेढ़ फीट से अधिक नहीं है। उसके बाद उन्होंने बांस के छोटे किस्म के पौधे के साथ ही फूलों के बहुत सारे पौधे भी लगाए। उन्हें हमेशा कुछ अलग पौधे लगाने का शौक रहा है। वर्तमान में मनोरंजन के छत पर ब्रह्म कमल और कल्पवृक्ष अखरोट, बदाम, शहतूत ,चीकू, लीची ,जामुन ,शरीफा, आम ,अंगूर अनार के पौधे मौजूद है। गार्डनिंग की वजह से ही आज शहर में उनकी अलग पहचान बन गई है। मनोरंजन सहाय पूरे देश में अपने पौधे सप्लाई करवाते हैं।
मनोरंजन सहाय ने लगभग 1 महीने पहले बेटे के सुझाव पर उन्होंने phoolophalo.com वेबसाइट की शुरुआत की थी। एक माह में लगभग 300 से ज्यादा पौधे कई राज्यों में भेज चुके हैं। जो लोग फूलोफलो वेबसाइट पर ऑनलाइन पेड़ पौधे मंगाते हैं, उनको कुरियर द्वारा प्लांट भेजा जाता है।
बता दें मनोरंजन सहाय सीजन के अनुसार अलग-अलग सब्जियां भी उगाते हैं। साथ ही वे लोगों से पेड़ पौधे लगाने की अपील भी करते हैं। वे कहते हैं कि मैं चाहता हूं कि ज्यादा से ज्यादा लोग पेड़-पौधे लगाए। अगर उनके पास खाली जमीन उपलब्ध है तो अच्छी बात है अगर नहीं तो वह छत पर भी बागवानी कर सकते हैं।